हरियाणा की रोहतक लोकसभा सीट पर मतगणना शुरू हो चुकी है. शुरुआती रुझानों में दीपेंद्र सिंह हुड्डा आगे चल रहे हैं. भाजपा उम्मीदवार अरविंद शर्मा पिछड़ रहे हैं.
इस अहम सीट पर भाजपा लगातार दूसरी बार जीत पाना चाहती है, तो वहीं कांग्रेस इसे फिर वापस पाना चाहती है. भाजपा ने 2019 में यहां से जीते अरविंद कुमार शर्मा को फिर मैदान में उतारा है और उसे यकीन है कि दोबारा इस सीट पर विजय हासिल करने में कामयाब रहेगी. जबकि कांग्रेस ने दीपेंद्र सिंह हुड्डा को टिकट दिया है. इसलिए मुकाबला बेहद रोचक है. चुनावी विशेषज्ञों की मानें तो यहां जीत-हार में अंतर काफी कम रहने वाला है.
रोहतक लोकसभा सीट 1952 में अस्तित्व में आई थी. कांग्रेस ने इस सीट पर 10 बार जीत दर्ज की है, तो वहीं हुड्डा परिवार के सदस्य 9 बार यहां से जीतकर संसद पहुंचे. रणबीर सिंह हुड्डा 2 बार यहां से जीतकर संसद पहुंचे. बाद में कांग्रेस के दिग्गज नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा 1991, 1996 और 1998 में जीतते रहे. 2004 में भी हुड्डा यहीं से जीतकर पार्लियामेंट पहुंचे. 2005 उपचुनाव हुए तो हुड्डा ने यह सीट दीपेंद्र सिंह हुड्डा को सौंप दी. तब वे पहली बार चुनकर संसद पहुंचे.
मोदी लहर में भाजपा ने छीन ली सीट
उसके बाद साल 2009 और 2014 में भी दीपेंद्र हुड्डा ने यहां से जीत दर्ज की. लेकिन 2019 लोकसभा चुनाव में मोदी लहर के आगे वे हार गए. उन्हें भाजपा के अरविंद कुमार शर्मा ने मात्र 7,503 हजार वोटों से शिकस्त दे दी. शर्मा को तब 5,73,845 यानी 47 फीसदी वोट मिले थे जबकि हुड्डा को 5,66,342 यानी 46 फीसदी मत हासिल हुए थे.
क्या है जातीय समीकरण
इस बार भी दोनों नेता मैदान में हैं और कांटे का मुकाबला देखने को मिल रहा है. इस सीट पर करीब 16,38,605 लाख मतदाता हैं. इनमें से 8,76,216 लाख पुरुष मतदाता, जबकि 7,62,382 महिला वोटर हैं. 2019 लोकसभा चुनाव में यहां 74 फीसदी मतदान हुआ था. जातीय समीकरण की बात की जाए, तो यहां 6.5 लाख जाट वोटर हैं, जबकि अनुसूचित जाति के मतदाताओं की संख्या तकरीबन 3 लाख है. 1.75 लाख अहिर मतदाता, 1.3 लाख पंजाबी और 1.3 लाख ब्राम्हण वोटर हैं.
FIRST PUBLISHED :
June 4, 2024, 24:02 IST