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Kerala Crime news: तिरुवनंतपुरम की डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने 24 साल की एक लड़की को फांसी की सजा सुनाई है. आरोपी ने अपने बॉयफ्रेंड को जहर देकर मारा था.
तिरुवनंतपुरम से आई यह कहानी बताती है कि जोड़ियां भले ही स्वर्ग में बनती हों, लेकिन जमीनी हकीकत कभी-कभी बेहद खौफनाक हो सकती है. दरअसल, केरल के तिरुवनंतपुरम जिले की नेय्याट्टिनकारा अदालत ने 24 वर्षीय लड़की ग्रीष्मा को अपने प्रेमी शेरोन राज की हत्या का दोषी ठहराया है. इस मामले में अदालत ने ग्रीष्मा को मौत की सजा सुनाई है. यह घटना 2022 में हुई थी, जब ग्रीष्मा ने अपने प्रेमी को जहर देकर उसकी जान ले ली थी. सजा सुनाते हुए अदालत ने कहा, ये रेयरेस्ट ऑफ द रेयर केस है.
आर्मी अफसर से तय हुई थी शादी
ग्रीष्मा और शेरोन का रिश्ता 2021 से था. ग्रीष्मा तब अंग्रेजी में पोस्टग्रेजुएट की छात्रा थीं, जबकि शेरोन अपनी स्नातक डिग्री के अंतिम वर्ष में थे. दोनों के बीच संबंध थे, लेकिन 2022 में ग्रीष्मा के परिवार ने उसकी शादी एक आर्मी अफसर से तय कर दी. शादी के लिए तैयार होने के बावजूद उनका संबंध जारी रहा, और जैसे ही शादी की तारीख करीब आई, ग्रीष्मा ने शेरोन को मारने की योजना बनाई.
कई बार जहर देने की कोशिश
ग्रीष्मा ने शेरोन को कई बार जहर देने की कोशिश की थी. वह दर्द निवारक दवाओं के बारे में ऑनलाइन शोध करती रही थी. एक बार उसने शेरोन को जूस में जहर मिला कर पीने के लिए दिया, लेकिन जब इसका कोई असर नहीं हुआ, तो उसने शेरोन को जूस पीने के लिए चुनौती दी. शेरोन इससे बच गया, फिर ग्रीष्मा ने उसे आयुर्वेदिक दवाई में जहर मिलाकर दी. 14 अक्टूबर, 2022 को शादी से एक महीने पहले ग्रीष्मा ने शेरोन को अपने घर बुलाया और उसमें कीटनाशक मिला दिया. शेरोन ने इसे सामान्य समझा, लेकिन घर लौटने के बाद वह बीमार हो गया और अस्पताल में भर्ती हो गया.
मरने से पहले दोस्त से क्या कहा?
शेरोन की हालत बिगड़ने के बाद उसे 25 अक्टूबर को अस्पताल में भर्ती किया गया, जहां उसकी मृत्यु हो गई. मरने से पहले शेरोन ने अपने दोस्त से कहा था कि ग्रीष्मा ने उसे धोखा दिया और जहर दिया है. परिवार के आरोपों के बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू की और ग्रीष्मा को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने बताया कि ग्रीष्मा ने शेरोन से अपने निजी पलों की तस्वीरें और वीडियो डिलीट करने को कहा था, क्योंकि वह डरती थी कि शेरोन इन तस्वीरों को उसके भावी पति के साथ साझा करेगा.
आरोपी की मां को कोर्ट से राहत
अदालत ने ग्रीष्मा की मां सिंधु को बरी कर दिया, जबकि उसके चाचा निर्मलकुमारन नायर को अपराध में मदद करने और उकसाने का दोषी ठहराया. ग्रीष्मा को हत्या, जहर देने और सबूत नष्ट करने के आरोपों में दोषी ठहराया गया. यह मामला हत्या, अपहरण और अपराधी को बचाने के लिए झूठे सबूत देने जैसे गंभीर आरोपों के तहत दर्ज किया गया था.
First Published :
January 20, 2025, 10:56 IST