मध्य प्रदेश के अन्य जिलों के साथ रायसेन में भी मानसून तो पहुंच चुका है पर बारिश नहीं होने से किसान चिंतित हैं, धान की खेती करने वाले किसानों को ट्यूबवेल से धान के गड़े भरना पड़ रहे हैं। बारिश का आंकड़ा भी काफी पीछे चल रहा है, पिछले साल 2023 में 10 जु
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जिले में करीब तीन लाख हेक्टेयर में धान की फसल की जा रही है, लेकिन बारिश नहीं होने से किसान चिंता में पड़ गए हैं जबकि ट्यूबवेल से गड़े भरने के कारण जल स्तर पर भी असर पड़ रहा है। बाड़ी स्थित बरना डैम से बोवनी के लिए नहरे से पानी छोड़ा जा रहा है।
रायसेन के किसान सुरेश कुशवाहा, बबलू कुशवाह, मजीद खान, नारायण लोधी, ने बताया कि इस साल मानसून भी काफी देरी से रायसेन पहुंचा है और बारिश भी बहुत कम हुई है जबकि तीन दिनों से तो पानी भी नहीं गिरा है ऐसी स्थिति में धान लगाने के लिए ट्यूबवेल से पानी देना पड़ रहा है अगर बारिश नहीं हुई तो धान की फसल चौपट हो जाएगी जिससे किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ेगा।