लखनऊ: सुप्रीम कोर्ट नौ जुलाई को यूपी मदरसा शिक्षा बोर्ड को खत्म किए जाने संबंधी याचिका पर सुनवाई करेगा। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और दो अन्य जजों की तीन सदस्यीय पीठ इस मामले पर सुनवाई करेगी।
सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के आदेश पर लगाया स्टे
लखनऊ हाई कोर्ट के अधिवक्ता अंशुमान सिंह राठौर की ओर से लखनऊ हाई कोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई थी। 22 मार्च को लखनऊ हाई कोर्ट ने यूपी बोर्ड ऑफ मदरसा एजुकेशन एक्ट 2004 को असंवैधानिक करार दिया था। कोर्ट ने राज्य सरकार से मदरसे में पढ़ने वाले छात्रों को बुनियादी शिक्षा व्यवस्था में तत्काल समायोजित करने का निर्देश दिया था। इसके अलावा छह से 14 साल के बच्चों का दाखिला सुनिश्चित करने का आदेश दिया था। कोर्ट के इस आदेश के अनुपालन के क्रम में प्रदेश के मुख्य सचिव की ओर से मदरसों को बंद करने और इनमें पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को अन्यत्र सरकारी शिक्षण संस्थानों में दाखिला कराए जाने का आदेश जारी किया था, लेकिन पांच अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के आदेश पर स्टे दे दिया था। इसके कारण मुख्य सचिव को आदेश वापस लेना पड़ा था।
सुप्रीम कोर्ट में पांच याचिका दाखिल
वहीं, ऑल इंडिया टीचर्स एसोसिएशन मदारिस अरबिया ने लखनऊ हाई कोर्ट को चुनौती दी थी और आदेश को असंवैधानिक बताया था। ऑल इंडिया टीचर्स एसोसिएशन मदारिस अरबिया के महासचिव वहीदुल्लाह खान सईदी ने पांच अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट के स्टे पर टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था कि लखनऊ हाई कोर्ट के जजों ने यूपी मदरसा बोर्ड को समझने में बड़ी भूल गई है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में पांच विशेष अनुमति याचिका दाखिल की गई हैं।