नागपुर. आरएसएस चीफ मोहन भागवत ने नागपुर में एक सभा को संबोधित किया. अपने भाषण के दौरान उन्होंने मणिपुर का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि हमें चुनावी बयानबाजी से ऊपर उठकर राष्ट्र के सामने मौजूद समस्याओं पर ध्यान देने की जरूरत है. मणिपुर एक साल से शांति की प्रतीक्षा कर रहा है, इसकी स्थिति पर प्राथमिकता से विचार करना होगा. संघ प्रमुख ने कहा कि अपने कर्तव्य को कुशलता पूर्वक करना आवश्यक है. वास्तविक सेवक मर्यादा का पालन करते हुए चलता है. उसका पहला कर्तव्य देश के नागरिकों की सेवा होनी चाहिए.
भागवत ने कहा कि चुनाव के आवेश से मुक्त होकर देश सामने उपस्थित समस्याओं पर विचार करना होगा. उन्होंने कहा कि चुनाव में दो पक्ष होने के कारण प्रतिस्पर्धा होती है, लेकिन झूठ को प्रचारित करने के लिए आधुनिक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया. ऐसे में देश कैसे चलेगा? इसे विपक्ष कहते हैं…? इन्हें विरोधी नहीं माना जाना चाहिए. वे विपक्ष हैं, लेकिन एक पक्ष को उजागर कर रहे हैं, इन्हें विरोधी के जगह प्रतिपक्ष कहा जाए.
चुनाव है कोई युद्ध नहीं
भागवत ने कहा कि चुनाव में झूठ का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए. संसद में जाने और देश चलाने के लिए लोगों को चुना जा रहा है. यह प्रतिस्पर्धा है, कोई युद्ध नहीं. एक-दूसरे की जिस तरह की आलोचना की गई, जिस तरह से अभियान चलाए गए, एक-दूसरे पर निजी हमले किए गए, इससे समाज में मतभेद पैदा होंगे और विभाजन पैदा होगा, इस पर कोई ध्यान नहीं दिया गया.
चुनौतियों से मुक्त नहीं हुए हैं
चुनाव लड़ने की एक गरिमा होती है. उस गरिमा का ख्याल नहीं रखा गया. क्या ऐसा करना जरूरी था क्योंकि हमारे देश के सामने चुनौतियां खत्म नहीं हुई हैं, वही एनडीए सरकार फिर से सत्ता में आ गई है. पिछले 10 सालों में बहुत सारी सकारात्मक चीजें हुई हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि अब हम चुनौतियों से मुक्त हो गए हैं.
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FIRST PUBLISHED :
June 10, 2024, 21:20 IST