भारत के किस मंदिर में भगवान की प्रतिमा को वस्त्रों से नहीं फूलों से सजाया जाता है? क्या है रहस्य, क्यों नहीं पहनाए जाते कपड़े
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भारत के किस मंदिर में भगवान की प्रतिमा को वस्त्रों से नहीं फूलों से सजाया जाता है? क्या है रहस्य, क्यों नहीं पहनाए जाते कपड़े
भारत के किस मंदिर में भगवान की प्रतिमा को वस्त्रों से नहीं फूलों से सजाया जाता है? क्या है रहस्य, क्यों नहीं पहनाए जाते कपड़े
सीकर: भारत देश में कई चमत्कारी और दिव्य मंदिर है. सभी मंदिरों की अपनी अलग-अलग मान्यता है. सनातन धर्म में भगवान की प्रतिमा को सुंदर वस्त्रों और आभूषणों से खूबसूरत तरीके से सजाया जाता है. लेकिन क्या आपको पता है देश में एक ऐसा भी मंदिर है जहां हर रोज भगवान का श्रंगार तो होता है लेकिन उन्हें वस्त्र की जगह विभिन्न-विभिन्न प्रकार के फूलों से सजाया जाता है. आइए जानते हैं किस मंदिर में भगवान की प्रतिमा को फूलों से सजाया जाता है आखिर क्या है इसके पीछे की वजह?
राजस्थान के सीकर में बाबा खाटू श्याम जी का मंदिर है. मंदिर में बाबा की प्रतिमा का श्रंगार फूलों और आभूषणों से किया जाता है. दिल्ली, मुंबई, कोलकाता जैसे कई बड़े-बड़े शहरों से फूलों को लाया जाता है. उन्हीं फूलों से बाबा खाटू श्याम की प्रतिमा को सजाया जाता है. विशेष रूप से बाबा की प्रतिमा का श्रंगार गुलाब के फूलों से किया जाता है.
बाबा खाटू श्याम जी को क्यों चढ़ाते हैं फूल?
फूलों को प्रेम का प्रतीक कहा जाता है. बाबा खाटू श्याम जी को उनके भक्त बहुत प्रेम करते हैं इसलिए भक्त उन्हें फूल अर्पित करते हैं. ऐसा कहा जाता है कि बाबा श्याम का सबसे पसंदीदा फूल गुलाब है. इसलिए श्रद्धालु मंदिर आते हैं तो मंदिर में सबसे अधिक गुलाब का फूल अर्पित करते हैं. बाबा श्याम को उनकी पसंद की चीजें चढ़ाने से भक्तों की हर मनोकामना पूरी होती है.
फूलों से क्यों किया जाता है बाबा खाटू श्याम का श्रंगार?
हर रोज श्रंगार के बाद बाबा खाटू श्याम की आरती होती है. लेकिन क्या आपको पता है बाबा श्याम का श्रंगार फूलों से ही क्यों किया जाता है? दरअसल, मंदिर में प्रतिमा के रूप में बाबा खाटू श्याम का शीश विराजमान है. शीश को वस्त्र नहीं पहना सकते हैं इसलिए हमेशा से बाबा श्याम का श्रंगार फूलों से किया जाता है.
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Tags: Rajasthan news, Sikar news
FIRST PUBLISHED :
April 28, 2024, 22:50 IST