हिंदी न्यूज़न्यूज़इंडियाब्राजील से पहले नाइजीरिया क्यों जा रहे पीएम मोदी? जानें कैसे चीन की बढ़ जाएगी टेंशन
ब्राजील से पहले नाइजीरिया क्यों जा रहे पीएम मोदी? जानें कैसे चीन की बढ़ जाएगी टेंशन
Modi Brazil Visit: भारत और नाइजीरिया एक दूसरे के करीबी संबंध वाले देश हैं. भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है तो नाइजीरिया अफ्रीका का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है.
By : विशाल पाण्डेय | Edited By: Nidhi Vinodiya | Updated at : 15 Nov 2024 07:35 PM (IST)
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी.
Modi Brazil Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 16 नवंबर से 22 नवंबर तक 3 देशों की यात्रा पर रवाना हो रहे हैं. पीएम मोदी नाइजीरिया, ब्राजील और गुयाना के दौरे पर जा रहे हैं. अपने 3 देशों की यात्रा की शुरुआत पीएम मोदी अफ्रीकी देश नाइजीरिया से कर रहे हैं. पीएम मोदी ब्राजील में जी 20 शिखर सम्मेलन में शामिल होने से पहले नाइजीरिया का दौरा करेंगे.
बीते 17 सालों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री का यह पहला नाइजीरिया दौरा होगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पहले साल 2007 में तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह नाइजीरिया के दौरे पर गए थे. प्रधानमंत्री नाइजीरिया की यह यात्रा वहां के राष्ट्रपति टीनूबू के आमंत्रण पर कर रहे हैं. 17 नवंबर को पीएम मोदी नाइजीरिया में राष्ट्रपति टीनूबू से प्रतिनिधिमंडल स्तरीय द्विपक्षीय मुलाकात करेंगे. इसके बाद नाइजीरिया की राजधानी अबुजा में भारतीय समुदाय के लोगों को भी संबोधित करेंगे और फिर ब्राजील के लिए रवाना हो जाएंगे.
60 सालों से राजनीतिक संबंध बरकरार
भारत और नाइजीरिया एक दूसरे के करीबी संबंध वाले देश हैं. भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है तो नाइजीरिया अफ्रीका का सबसे बड़ा लोकतंत्र वाला देश है. नाइजीरिया को अफ्रीका का सबसे मजबूत देश माना जाता है. इसकी वजह यहां की अर्थव्यवस्था है. भारत और नाइजीरिया के बीच राजनयिक संबंध की शुरुआत नाइजीरिया की आजादी से पहले ही 1958 में हो गई थी, जब भारत ने लोगों में अपने डिप्लोमैटिक हाउस की स्थापना की थी. साल 1960 में नाइजीरिया को आजादी मिली और लगभग 60 सालों से भी ज़्यादा वक्त से दोनों देशों के बीच सर्वोच्च स्तर के राजनीतिक संबंध बरकरार हैं.
नाइजीरिया अपनी आजादी के बाद भारत ने की थी मदद
जब नाइजीरिया अपनी आजादी के बाद खुद को उभारने और संवारने में जुटा था तो भारत ने उसकी बड़ी मदद की थी. भारत के टीचर्स और डॉक्टर्स नाइजीरिया की लाइफलाइन बने थे. ऐसा भी माना जाता है कि नाइजीरिया में आज जिन लोगों की उम्र लगभग 40 या 60 के बीच है, उनमें से अधिकांश लोगों ने भारतीय अध्यापकों से ही शिक्षा ग्रहण की है. वैसे भी शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए आज भी नाइजीरिया के नागरिकों की पहली पसंद भारत ही है. इसके साथ ही साथ भारत ने डिफेंस ट्रेनिंग में भी नाइजीरिया को बहुत सहयोग मुहैया कराया था. भारत ने नाइजीरिया के कडूना में नेशनल डिफेंस एकेडमी और पोर्ट हरकोर्ट में नेवल वॉर कॉलेज की स्थापना के माध्यम से डिफेंस ट्रेनिंग में सहयोग किया.
200 से ज्यादा भारतीय कंपनियों ने नाइजीरिया में किया निवेश
नाइजीरिया में बड़ी संख्या में भारतीय समुदाय के लोग रहते हैं. नाइजीरिया में लगभग 60 हजार की संख्या में भारतीय मूल के लोग हैं, जो कि किसी भी अफ्रीकी देश की तुलना में सबसे ज्यादा है. नाइजीरिया में लगभग 200 से ज़्यादा भारतीय कंपनियों ने 27 बिलियन डॉलर से ज्यादा का निवेश किया है.
मोदी की ओर विश्वास भरी नजरों से देखते हैं अफ्रीकी देश
पीएम मोदी जब नाइजीरिया के दौरे पर होंगे तो चीन जरूर परेशान होगा क्योंकि चीन लगातार अफ्रीकी देशों पर नजर गड़ाए हुआ है. चीन की नजर नाइजीरिया के समृद्ध तेल और गैस के भंडार पर हमेशा से रही है. वैसे भी चीन हमेशा इस बात का दिखावा करने का प्रयास करता है कि वो अफ्रीकी देशों का हितैषी है, जबकि सच्चाई इसके विपरीत है. चीन अफ्रीकी देशों को अपने कर्ज के जाल में फंसाना चाहता है. सच्चाई यह है कि आज अफ्रीकी देश भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ विश्वास भरी नजरों से देखते हैं.
पीएम मोदी ने किया जी 20 में अफ्रीकी यूनियन को शामिल
पीएम मोदी ने पिछले साल जी 20 में अफ्रीकी यूनियन को शामिल करा, अफ्रीकी देशों की आवाज को एक वैश्विक मंच देने का काम किया. सिर्फ यही नहीं पीएम मोदी ने वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ के 2 सम्मेलन का भी आयोजन कराया, जिसमें आर्थिक रूप से पिछड़े और विकासशील देशों को सशक्त बनाने पर जोर दिया, ताकि आर्थिक पैमाने पर ये देश विकसित देशों से पीछे ना रह जाएं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुबई में CoP28 के दौरान भी ग्लोबल साउथ के देशों की आवाज को बुलंद किया और कहा कि विकसित देशों का खामियाजा ग्लोबल साउथ के देशों को न भुगतना पड़े, इसके लिए हम सभी को मिलकर काम करना होगा.
नाइजीरिया यात्रा से पहले पीएम ने किया एक्स पोस्ट
पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत समय-समय पर अफ्रीकी देशों की अलग-अलग स्तर पर बड़ी मदद करता रहता है. इस बात को अफ्रीकी देश बहुत अच्छी तरह से समझते हैं कि उनके लिए भारत ज्यादा विश्वसनीय देश है ना कि चीन. इसलिए पीएम मोदी के नाइजीरिया दौरे से चीन परेशान नजर आ सकता है. पीएम मोदी ने अपनी नाइजीरिया यात्रा से पहले सोशल मीडिया पर पोस्ट कर लिखा है कि ‘नाइजीरिया के हिन्दी प्रेमियों ने जिस प्रकार वहां के मेरे दौरे को लेकर उत्साह दिखाया है, वो हृदय को छू गया है! अपनी इस यात्रा को लेकर बहुत उत्सुक हूँ’.
कुल मिलाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाइजीरिया दौरा दोनों देशों के बीच रिश्तों को और मजबूत करने वाला होगा.
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Published at : 15 Nov 2024 07:35 PM (IST)
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