सीतामढ़ी. सीतामढ़ी के जेडीयू सांसद देवेश चंद्र ठाकुर अपने दिए गए बयान को लेकर बैकफुट पर दिखाई दिए. सीतामढ़ी में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सांसद ने कहा कि उनके बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है. जब कोई जनप्रतिनिधि बेहतर काम नहीं करता तो आम जनता की खरी-खोटी उनको सुनने को मिलती है. अगर एक जनप्रतिनिधि बेहतर काम करने के बाद भी वोट नहीं पाता है तो उनकी अभिव्यक्ति की आजादी है कि वो इस विषय पर बोलें. ठाकुर ने कहा कि आज की तारीख में सभी समुदाय जाति-धर्म के लोगों का उनके यहां स्वागत है.
ठाकुर ने कहा, ‘कुछ दिन पहले मेरी एक स्टेटमेंट आई थी. उसे खूब प्रचारित किया गया. मुख्यतया मैंने यह बात कही थी कि सीतामढ़ी के सभी मतदाताओं को मैं धन्यवाद देता ही हूं लेकिन जिन लोगों से मुझे बहुत ज्यादा उम्मीद थी और जिनके लिए मैंने बहुत काम किया था, उन्होंने मुझे उतना समर्थन नहीं दिया. मैं मर्माहत हुआ था और आज भी आहत हूं. मुझे अभिव्यक्ति की आजादी तो मिलनी ही चाहिए.’
‘मेरे रिश्ते जैसे कल थे, वैसे आगे भी रहेंगे’
नवनिर्वाचित सांसद ने कहा, ‘जब मैंने बहुत ज्यादा काम किया है तो स्वाभाविक है कि मैं भी भावनात्मक बातें कहूंगा. मेरे रिश्ते जैसे कल थे, वैसे आगे भी रहेंगे. चुनाव आया, और गया. हम सब भारतीय हैं और बिहार के लोग हैं. बिहार की संस्कृति मेलजोल की है. मेरे रिश्ते कभी किसी से नहीं बिगड़ सकते.’
गौरतलब है कि सीतामढ़ी से नवनिर्वाचित सांसद देवेश चंद्र ठाकुर ने जीत का मार्जिन कम होने पर विवादित बयान दिया था. जेडीयू सांसद देवेश चंद्र ठाकुर ने कहा था कि वो पिछले 22 साल से राजनीति में सक्रिय हैं. इस दौरान यादव और मुसलमान लोगो का काम सबसे ज्यादा किया लेकिन अब वे यादव और मुसलमान का काम नही करेंगे. कोई अगर इस जाति का है और उनके यहां काम करवाने आता है तो आए जरूर, चाय नाश्ता करे और वापस जाए, मै उनका काम नहीं करूंगा. ठाकुर के इस बयान के बाद देश-प्रदेश की राजनीति में जमकर हंगामा मचा था. अब सांसद ने अपने बयान पर सफाई दी है.
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FIRST PUBLISHED :
June 19, 2024, 21:03 IST