संसद में विपक्ष बीजेपी पर हमलावर है. बजट सत्र के दौरान कांग्रेस-टीएमसी समेत सभी विपक्षी दलों ने सरकार पर चौतरफा वार किया. एक से एक मुद्दे उठाए और सरकार को जवाब देने के लिए मजबूर किया. लेकिन चूंकि लोकसभा में बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए के पास पर्याप्त संख्या बल है, इसलिए माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में उन्हें कोई बिल पास कराने में दिक्कत नहीं आएगी. लेकिन मामला फंसेगा राज्यसभा में. क्योंकि अब तक जो दोस्त हर बार बीजेपी को बचाते आ रहे थे. मदद करते आ रहे थे, वे इस बार छिटकते नजर आ रहे हैं. अब 15 सांसदों वाली एक नई पार्टी ने इंडिया अलायंस के साथ जाने के संकेत दिए हैं. इससे साफ है कि राज्यसभा में बीजेपी की सांसत हो सकती है. उसे कोई भी बिल पारित कराने के लिए ‘जुगाड़’ का सहारा लेना होगा.
18वीं लोकसभा के पहले सत्र में हमने देखा कि किस तरह वर्षों से बीजेपी की दोस्त रही बीजू जनता दल ने किनारा कर लिया. किनारा ही नहीं किया, इंडिया अलायंस के नेताओं के साथ खड़ी नजर आई. बीजद के सांसद कांग्रेस और टीएमसी के सांसदों के साथ सदन से वॉकआउट करते नजर दिखे. सरकार पर आरोप लगाते दिखे. अब कुछ वैसा ही नजारा हमें राज्यसभा में आंध्र प्रदेश की वाईएसआर कांग्रेस की ओर से देखने को मिल रहा है. जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली यह पार्टी इंडिया अलायंस के नेताओं के साथ गठबंधन करती हुई नजर आती है.
जब जगन के साथ आए इंडिया अलायंस के कई नेता
जगन मोहन रेड्डी ने बुधवार को जब दिल्ली में प्रदर्शन करने उतरे तो उनका साथ देने के लिए इंडिया अलायंस के कई नेता आ गए. यहां तक कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव भी उनके प्रदर्शन में शामिल हुए. उधर, कांग्रेस भी वाईएसआर कांग्रेस के इस प्रदर्शन को समर्थन देती नजर आई. ऐसे में राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज हो गई कि वाईएसआर कांग्रेस भी इंडिया अलायंस के साथ खड़ी नजर आ सकती है. और अगर ऐसा हुआ तो तय है कि बीजेपी के लिए राज्यसभा में मुश्किलें बढ़ जाएंगी.
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पाला-बदल से बदलेगा क्या
वाईएसआर कांग्रेस के लोकसभा में सिर्फ 4 सांसद हैं. इसलिए उनके इंडिया अलायंस के साथ जाने से कोई बहुत फर्क नहीं पड़ेगा. लेकिन जगन मोहन रेड्डी की पार्टी के राज्यसभा में 11 सदस्य हैं. अगर ये 11 सदस्य एनडीए को समर्थन नहीं करते हैं, तो राज्यसभा में बिल पास कराना बीजेपी के लिए मुश्किल हो जाएगा. आइए इसके लिए समझते हैं राज्यसभा का गणित क्या है. दरअसल, हाल ही में राज्यसभा में 4 सांसद रिटायर हो गए, जिससे बीजेपी के सांसदों की संख्या 86 रह गई है. एनडीए का संख्या बल राज्यसभा में घटकर 101 रह गया है. अभी राज्यसभा में 226 सांसद हैं और 19 सांसदों के पद खाली है. ऐसे में जादूई आंकड़ा 113 हो जाता है. बीजेपी को कोई भी बिल पास कराने में काफी मुश्किलें आएंगी. पहले वाईएसआर कांग्रेस और बीजेडी उन्हें बचा लेते थे, लेकिन इस बार हालात बिल्कुल अलग हैं.
जगन मोहन रेड्डी नाराज क्यों
दरअसल, जबसे आंध्र प्रदेश में चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व में सरकार बनी है, तब से जगन मोहन रेड्डी की मुश्किलें बढ़ गई हैं. वाईएसआर कांग्रेस का आरोप है कि तेलुगु देशम पार्टी की सरकार ने उनकी पार्टी के खिलाफ हिंसक रुख अपना लिया है. उनके कार्यकर्ताओं को निशाना बनाया जा रहा है. उनके कार्यालयों पर हमले किए जा रहे हैं. बीजेपी से उनकी नाराजगी इस वजह से है क्योंकि बीजेपी चंद्रबाबू के साथ सत्ता में भागीदार है. पहले तो जगन मोहन को उम्मीद थी कि बीजेपी उन्हें मदद करेगी, लेकिन अब वे नाउम्मीद होते नजर आ रहे हैं. उनके बयानों से यही नजर आता है.
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FIRST PUBLISHED :
July 25, 2024, 22:58 IST