नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान कुछ ऐसा वाकया घटता है जो सुर्खियों में आ जाती हैं. बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में कुछ ऐसी ही एक घटना घटी है जो सुर्खियों में आ गई गई. दरअसल बुधवार को मुख्य न्यायाधीश (CJI) डी. वाई. चंद्रचूड़ की पीठ के सामने संविधान के अनुच्छेद 39(बी) के तहत निजी संपत्ति अधिकारों पर बहस हो रही थी. इस बहस में सरकार का प्रतिनिधित्व अटॉर्नी जनरल (AG) आर. वेंकटरमणि और सॉलिसिटर जनरल (SG) तुषार मेहता कर रहे थे.
लॉ ट्रेंड की रिपोर्ट के अनुसार बहस के अंतिम क्षणों के दौरान चंद्रचूड़ को उनके नेतृत्व के लिए सराहना मिली. बता दें कि यह मामला, जो 1992 से विचाराधीन है, इसमें यह सवाल शामिल है कि क्या निजी संपत्तियों को “सामुदायिक संसाधन” माना जा सकता है और क्या उन्हें सार्वजनिक कल्याण के लिए राज्य द्वारा लिया जा सकता है.
CJI चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली नौ न्यायाधीशों की संवैधानिक पीठ ने पांच दिनों की सुनवाई पूरी की और अपना फैसला सुरक्षित रख लिया. सीजेआई चंद्रचूड़ के साथ, पीठ में न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय, बी.वी. नागरत्ना, सुधांशु धूलिया, जे.बी. पारदीवाला, मनोज मिश्रा, राजेश बिंदल, सतीश चंद्र शर्मा और ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह शामिल थे. सरकार का प्रतिनिधित्व अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणी और सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने किया, जबकि अपीलकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता जल टी. अंध्यारुजिना और समीर पारेख ने बहस की.
CJI चंद्रचूड़ की तारीफ में क्या कहा गया?
बहस के दौरान सुप्रीम कोर्ट में माहौल उस समय काफी हल्का हो गया जब एक वकील ने मुख्य न्यायाधीश को संबोधित करते हुए कहा कि ‘हम भारत के ऐसे युवा और गतिशील मुख्य न्यायाधीश के सामने बहस करने के लिए भाग्यशाली हैं.’ पीठ की एकमात्र महिला न्यायाधीश न्यायमूर्ति बी.वी. नागरत्ना ने तुरंत जवाब दिया, “ओह, यह एक तारीफ है!” इससे मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ मुस्कुराने लगे, जिससे सुनवाई में माहौल हल्का हो गया.
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FIRST PUBLISHED :
May 3, 2024, 08:19 IST