बदलापुर रेप केस: अक्षय शिंदे ने एनकाउंटर से पहले क्या कहा था? गोली चलाने वाले ASI ने खोला एक-एक राज
मुंबई. बदलापुर रेप केस में आरोपी अक्षय शिंदे की पुलिस एनकाउंटर में मौत हो लेकर बहस जारी है. ऐसे में एक नया खुलासा सामने आया है, जिसमें अक्षय शिंदे को गोली मारने वाले पुलिस इंस्पेक्टर ने कहा कि उसने अपने सहकर्मी और खुद को बचाने के लिए ‘सेल्फ डिफेंस’ में ऐसा किया था. घटना के बाद पुलिस को दिए गए अपने बयान में पुलिस इंस्पेक्टर (एएसआई) संजय शिंदे ने कहा कि आरोपी ने सहायक पुलिस इंस्पेक्टर निलेश मोरे को गोली मारकर घायल करने के बाद पुलिस वैन में मौजूद अन्य पुलिसकर्मियों को धमकाया और कहा कि वह उन्हें नहीं छोड़ेगा और दो गोलियां भी चलाईं.
अक्षय शिंदे बदलापुर के एक स्कूल में सफाईकर्मी था. शिंदे पर स्कूल की नाबालिग लड़कियों के साथ रेप का आरोप लगा था. वह जेल में बंद था. 23 सितंबर की शाम को पुलिस जब अक्षय शिंदे को उसकी पूर्व पत्नी की शिकायत पर दर्ज एक मामले की जांच के तहत नवी मुंबई की तलोजा जेल से ठाणे के बदलापुर ले जाया जा रहा था, तभी आरोपी ने मुंब्रा बाईपास के पास एएसआई निलेश मोरे की सर्विस रिवॉल्वर खींच ली. आरोपी ने पुलिसवालों पर तीन गोलियां चलाईं. एक गोली पुलिसकर्मी के पैर में जाकर लगी, जबकि दो मिसफायर हो गईं. पुलिस की जवाबी कार्रवाई में वह घायल हो गया था और बाद में उसकी मौत हो गई थी.
बता दें कि 14 अगस्त को बदलापुर में एक बच्ची ने अपने मां-पिता से गुप्तांग में दर्द की शिकायत की थी. बच्ची से पूछताछ करने पर पता चला कि उसके स्कूल में कार्यरत 23 वर्षीय एक सफाईकर्मी ने उसके गुप्तांग को स्पर्श किया था. इसके बाद, लड़की के माता-पिता ने अपनी बेटी की क्लास में पढ़ने वाली दूसरी बच्ची के माता-पिता से संपर्क किया, तो उन्होंने भी यही बताया कि उनकी बच्ची भी कुछ दिनों से स्कूल जाने से डर रही है. इसके बाद दोनों बच्चियों को मेडिकल जांच के लिए डॉक्टर के पास ले जाया गया, जहां पता चला कि दोनों के साथ बदसलूकी हुई है.
दोनों बच्चियों के माता-पिता ने इस संबंध में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. आरोप है कि पुलिस ने शिकायत दर्ज करने के बजाए उन्हें कई घंटे तक बाहर बैठाकर रखा और भरोसा दिलाया कि घटना की जांच की जा रही है. आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. मामले में जिला महिला एवं बाल कल्याण अधिकारी के हस्तक्षेप पर अगली सुबह पॉक्सो एक्ट के तहत आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया और उसे गिरफ्तार कर लिया गया.
इस घटना को लेकर पूरे महाराष्ट्र में आक्रोश दिखा. आक्रोशित लोगों ने सड़क पर आकर आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की. इस घटना को लेकर राज्य में हिंसा भी देखने को मिली थी. इसे देखते हुए 72 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया. मामले की जांच के लिए एसआईटी का भी गठन किया गया.
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FIRST PUBLISHED :
September 24, 2024, 23:21 IST