भोपाल: मध्य प्रदेश के मंडला से सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते को इस बार मोदी कैबिनेट में जगह नहीं मिली है। वह दो बार से लगातार टीम मोदी के हिस्सा थे। इस बार जगह नहीं मिली तो कई सवाल उठ रहे थे आखिर मध्य प्रदेश के इस बड़े आदिवासी चेहरे को कैबिनेट में जगह क्यों नहीं मिली है। इसे लेकर फग्गन सिंह कुलस्ते ने खुद ही खुलासा किया है कि उन्हें मोदी कैबिनेट में जगह क्यों नहीं मिली है। फग्गन सिंह कुलस्ते ने कहा है कि मैं तीन बार राज्य मंत्री रह चुका है। फिर से यही मिल रहा था तो मैंने मना कर दिया।
कुलस्ते ने ठुकरा दिया ऑफर
दरअसल, फग्गन सिंह कुलस्ते मध्य प्रदेश में आदिवासियों के बड़े नेता हैं। तीन बार से वह राज्य और स्वतंत्र प्रभार मंत्री रहे हैं। इस बार जीत के बाद उन्हें उम्मीद थी कि मोदी कैबिनेट में उनका ग्राफ बढ़ेगा। फग्गन सिंह कुलस्ते की चाहत थी कि इस बार वह सरकार में कैबिनेट मंत्री बनेंगे। उन्हें चौथी बार मंत्री पद के लिए ऑफर भी मिला लेकिन वह राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार का ही था। ऐसे में फग्गन सिंह कुलस्ते ने मंत्री बनने से साफ-साफ मना कर दिया है।
मंडला लोकसभा सीट से 7वीं बार सांसद बने
एमपी की मंडला सीट से फग्गन सिंह कुलस्ते सातवीं बार सांसद बने हैं। उन्होंने कहा कि मैं तीन बार राज्य मंत्री रहा। चौथी बार राज्य मंत्री बनना अच्छा नहीं है इसलिए मैंने साफ इनकार कर दिया। मैंने कहा कि अगर मैं कैबिनेट मंत्री बन जाऊं तो अच्छा रहेगा। इससे पहले फग्गन सिंह कुलस्ते ग्रामीण विकास राज्य मंत्री थे। वहीं, मोदी सरकार के सबसे पहले कार्यकाल में वह स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री थे।
अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में भी रहे मंत्री
गौरतलब है कि फग्गन सिंह कुलस्ते 1999 से 2004 के बीच अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में आदिवासी मामले एवं संसदीय कार्य राज्य मंत्री रहे थे। हालांकि 2023 के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने उन्हें मंडला जिले के निवास विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया था। कुलस्ते इसमें हार गए थे। इसकी वजह से भी उनकी छवि को धक्का लगा है। हालांकि लोकसभा चुनाव जीतने में वह सफल रहे हैं।