Saturday, January 11, 2025
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Home पाकिस्तान के साथ क्या खिचड़ी पका रहा रूस? दोनों देशों के शीर्ष सैन्य अधिकारियों ने की मुलाकात, जानें भारत के लिए टेंशन

पाकिस्तान के साथ क्या खिचड़ी पका रहा रूस? दोनों देशों के शीर्ष सैन्य अधिकारियों ने की मुलाकात, जानें भारत के लिए टेंशन

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इस्लामाबाद: पाकिस्तान और रूस एक दूसरे के साथ संबंधों को बढ़ा रहे हैं। रूस के उप रक्षा मंत्री कर्नल जनरल अलेक्जेंडर वी. फोमिन के नेतृत्व में एक उच्च स्तरीय रूसी प्रतिनिधिमंडल पाकिस्तान के दौरे पर है। मंगलवार 29 अक्तूबर को रूसी उप रक्षा मंत्री ने इस्लामाबाद में पाकिस्तान की तीनों सेनाओं के प्रमुखों से अलग-अलग मुलाकात की। इस दौरान दोनों देशों ने सुरक्षा और रक्षा के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने का संकल्प लिया। रूसी शीर्ष सैन्य अधिकारियों का ये दौरा कजान में ब्रिक्स सम्मेलन के कुछ दिनों बाद हो रहा है, जहां पाकिस्तान को बड़ा झटका लगा था। रूस की मेजबानी वाले सम्मेलन में पाकिस्तान को न्यौता तक नहीं दिया गया था।

रक्षा सहयोग बढ़ाने पर चर्चा

पाकिस्तानी सेना की मीडिया शाखा ‘इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर)’ द्वारा जारी एक बयान में कहा गया कि ‘सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर के साथ बैठक के दौरान दोनों पक्षों ने क्षेत्रीय सुरक्षा और आपसी हितों के मुद्दे पर चर्चा की, जिसमें द्विपक्षीय रक्षा और सुरक्षा सहयोग को बढ़ाना भी शामिल है।’

जनरल मुनीर ने रूस के साथ पारंपरिक रक्षा संबंधों को मजबूत करने के लिए पाकिस्तान की प्रतिबद्धता दोहराई। बयान में कहा गया, ‘बैठक में संयुक्त सैन्य अभ्यास और पीएएफ उपकरणों के लिए तकनीकी सहायता के माध्यम से मौजूदा संबंधों को मजबूत करने के नए तरीकों पर भी चर्चा की गई।’

भारत के लिए कितनी चिंता की बात?

उल्लेखनीय है कि हाल के वर्षों में रूस और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय संबंध व्यापक हुए हैं। बिजनेस रिकॉर्डर की रिपोर्ट बताती है कि पिछले साल दोनों देशों के बीच वार्षिक द्विपक्षीय व्यापार में लगभग 50 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो 1 बिलियन डॉलर से अधिक हो गया। दोनों देशों के बीच अब तक का सबसे अधिक व्यापार है। यूक्रेन युद्ध के बाद पश्चिमी प्रतिबंधों का सामना कर रहा रूस आर्थिक संकट से निपटने के लिए नए सहयोगियों की तलाश कर रहा है।

बढ़ रहा व्यापार

एक रूसी अधिकारी ने बिजनेस रिकॉर्डर को बताया कि पिछले साल रूसी कच्चे तेल की पहली खेप कराची बंदरगाह पर पहुंची। साल के अंत तक पाकिस्तान को रूसी निर्यात में इसकी हिस्सेदारी 20 प्रतिशत से अधिक हो गई। हालांकि, भारत के लिए यह चिंता की बात नहीं है, क्योंकि मॉस्को और नई दिल्ली की दोस्ती दशकों पुरानी है। रूस ने इस्लामाबाद के साथ ऐसा कोई रक्षा समझौता नहीं किया है, जो भारत के लिए खतरा बन सके।

इसी अक्तूबर में भारत के विरोध के बाद समूह में पाकिस्तान की एंट्री नहीं दी गई थी। रूस ने कजान में इस सम्मेलन की मेजबानी की थी। यही नहीं, पाकिस्तान को न्योता भी नहीं भेजा गया था, जबकि उसने पिछले साल नवम्बर में ही समूह की सदस्यता के लिए औपचारिक आवेदन भी किया था।

विवेक सिंह

लेखक के बारे में

विवेक सिंह

उत्तर प्रदेश के सुलतानपुर जनपद से ताल्लुक, इलाहाबाद विश्वविद्यालय से पढ़ाई के बाद अमर उजाला डिजिटल के साथ करियर की शुरुआत की. अमर उजाला के बाद न्यूज 18 यूपी/उत्तराखंड, आवाज न्यूज वीडियो एप, वन इंडिया और एबीपी न्यूज डिजिटल में काम किया. वर्तमान में नवभारत टाइम्स डॉट कॉम में इंटरनेशनल डेस्क पर कार्यरत हूं. देश की राजनीति पर भी लिखने में रुचि है.… और पढ़ें

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