नई दिल्ली: मौजूदा लोकसभा चुनाव के दौरान हेलीकॉप्टर ऑपरेटरों को जोरदार कमाई हो रही है। राजनीतिक दलों ने उनकी सेवाओं के लिए खूब खर्च किया है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, ऑपरेटरों ने इस चुनावी सीजन में लगभग 350-400 करोड़ रुपये कमाए हैं। चुनाव का समय पारंपरिक रूप से हेलीकॉप्टर ऑपरेटरों के लिए सबसे व्यस्त समय होता है। लेकिन, इस साल मांग और भी अधिक बढ़ गई है। इससे रेट लगभग 50% तक बढ़ गए हैं। हेलीकॉप्टर प्रति घंटे के आधार पर किराये पर दिए जाते हैं। उनकी कीमत उनके निर्माण और मॉडल के आधार पर अलग-अलग होती है।
मसलन, बीईएल 407 जैसे सिंगल इंजन वाले हेलीकॉप्टर का किराया अब 1.3-1.5 लाख रुपये प्रति घंटा है। इसमें 6-7 लोग बैठ सकते हैं। दूसरी ओर ऑगस्टा AW109 और H145 एयरबस जैसे डबल इंजन वाले हेलीकॉप्टर अब 2.3-3 लाख रुपये प्रति घंटे का किराया लेते हैं। इनमें 7-8 लोग बैठ सकते हैं। 15 सीटों वाला बड़ा अगस्ता वेस्टलैंड 4 लाख रुपये प्रति घंटे से शुरू होने वाली कीमत पर उपलब्ध है। यह अपनी स्थिरता और आराम के कारण वीवीआईपी की पहली पसंद है।
45-60 दिनों का लंबा कॉन्ट्रैक्ट
रोटरी विंग सोसायटी ऑफ इंडिया (RWSI) के अध्यक्ष (पश्चिमी क्षेत्र) कैप्टन उदय गेली ने बिजनेस टुडे को बताया, ‘हेलीकॉप्टर ऑपरेटर नियमित किराये की तुलना में 40-50% अधिक शुल्क ले रहे हैं। चुनावों के दौरान मांग बहुत अधिक है। 2019 के लोकसभा चुनावों में उन्होंने 20-30% अधिक शुल्क लिया था। इस साल मांग बहुत अधिक रही है और राज्य स्तर पर पार्टियों से भी आ रही है, जबकि हेलीकॉप्टरों की संख्या में बढ़ोतरी नहीं हुई है।’ उन्होंने यह भी बताया कि इस चुनाव के दौरान कुल कारोबार 350-400 करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है।
चुनावों के दौरान हेलीकॉप्टर ऑपरेटर बीजेपी और कांग्रेस जैसी प्रमुख पार्टियों के साथ 45-60 दिनों का लंबा अनुबंध हासिल कर लेते हैं। ये अनुबंध ऑपरेटरों को प्रतिदिन उड़ान के न्यूनतम घंटे सुनिश्चित करते हैं। इससे स्थिर आय सुनिश्चित होती है। पार्टियां फीस का एक हिस्सा पहले ही दे देती हैं। जबकि बाकी रकम उड़ान की तारीख के करीब भुगतान की जाती है।
कौन सी कंपनियां देती हैं सेवाएं?
शीर्ष हेलीकॉप्टर ऑपरेटरों में पवन हंस, हेलिगो चार्टर्स और ग्लोबल वेक्टरा हेलिकॉर्प लिमिटेड (जीवीएचएल) शामिल हैं। इनके पास चुनाव के दौरान किराये पर देने के लिए 13-15 हेलीकॉप्टर उपलब्ध हैं। छोटी कंपनियां आमतौर पर 2-4 हेलीकॉप्टर किराये पर देती हैं। उत्तराखंड में चार धाम यात्रा के कारण मई की शुरुआत में कुछ सिंगल इंजन वाले हेलीकॉप्टर अनुबंध रद्द कर दिए गए थे।
ट्विन इंजन 8 सीटर हेलीकॉप्टर का किराया 3 लाख रुपये प्रति घंटा है। 180 घंटे के लिए यह प्रति हेलीकॉप्टर 4-5 करोड़ रुपये कमाता है। अगर किसी ऑपरेटर के पास 4-5 हेलीकॉप्टर हैं, तो दो महीने में ही उसकी कमाई 20-25 करोड़ रुपए हो जाती है। यह नियमित किराये पर मिलने वाली राशि से लगभग दोगुना है। हेलीकॉप्टर आमतौर पर प्रति माह 40-45 घंटे काम करते हैं। चुनाव के समय ली जाने वाली राशि से 40-50% कम कीमत पर काम करते हैं।