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Gujarat: जूनागढ़ में महाशिवरात्रि मेले की धूम मची हुई है, जहां भक्त भगवान शिव के दर्शन को उमड़ रहे हैं. भारती आश्रम में रखे दुर्लभ नर-मादा शंख भक्तों के आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं.
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दुर्लभ शंख जोड़ी
गुजरात के जूनागढ़ में महाशिवरात्रि मेले की धूम मची हुई है. देशभर से श्रद्धालु भगवान शिव का आशीर्वाद पाने के लिए यहां आ रहे हैं. ऐसा माना जाता है कि इस मेले में संत और महापुरुष भी भाग लेते हैं. भक्तों की भीड़ इस पावन अवसर को और भी भव्य बना रही है. मंदिरों में घंटियों की गूंज और हर-हर महादेव के जयकारों से माहौल भक्तिमय हो गया है.
दुर्लभ शंखों की जोड़ी बनी आकर्षण का केंद्र
इस मेले के दौरान भक्त विभिन्न आश्रमों में भी जाते हैं, लेकिन इस बार जूनागढ़ के भारती आश्रम में रखे गए नर और मादा शंखों की जोड़ी सबसे ज्यादा चर्चा में है. ऐसा कहा जाता है कि इस जोड़ी के दर्शन बहुत दुर्लभ होते हैं. इन शंखों की विशेषता यह है कि यह भगवान विष्णु के चार प्रमुख प्रतीकों में से एक हैं. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, शंख का महत्व बहुत अधिक होता है और जब यह नर-मादा जोड़ी में मिले, तो इसे ईश्वरीय चमत्कार माना जाता है.
विशेष प्रयोगशाला में हुई जांच
भारती आश्रम में रखे गए इस शंख की वैज्ञानिक जांच भी करवाई जा चुकी है. यह सिद्ध हो चुका है कि यह शंख पूरी तरह असली और प्राकृतिक है. दक्षिणावर्त शंख के नाम से पहचाने जाने वाले इस शंख को दुर्लभ माना जाता है और भक्तों की इसमें गहरी आस्था है. महामंडलेश्वर हरिहरानंद बापू ने बताया कि जब उन्हें इस दुर्लभ शंख की जानकारी मिली, तो उन्होंने इसे आश्रम में लाने का निर्णय लिया और अब यह भक्तों के दर्शन के लिए उपलब्ध है.
भवनाथ महाशिवरात्रि मेले में उमड़ी भीड़
22 फरवरी 2025 से 26 फरवरी 2025 तक चलने वाले भवनाथ महाशिवरात्रि मेले में लाखों की संख्या में भक्तों का आगमन हो रहा है. मेले के दौरान भवनाथ मंदिर में दर्शन के लिए श्रद्धालु सुबह 6 बजे से रात 10 बजे तक पहुंच सकते हैं. अब तक करीब 3 लाख श्रद्धालु मेले में शामिल हो चुके हैं. भक्तों में ऐसी आस्था देखने को मिल रही है कि कई लोगों को यहां पहुंचने पर अद्भुत आध्यात्मिक अनुभूति हो रही है.
First Published :
February 24, 2025, 18:18 IST