शहर के शहीद भगत सिंह मार्ग पर एक दुकान में बड़ी मात्रा में आक्सीजन सिलेंडर रखें हुए हैं और यहां पर आक्सीजन की रीफिलिंग भी की जा रही है। स्थानीय रहवासियों ने इस मामले में जिला प्रशासन को कई बार शिकायत की लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।
.
दिल्ली में हुई घटना के बाद स्थानीय रहवासियों में भय है। यहां भी दो तीन बार आक्सीजन सिलेंडर में से गैस निकलने और आगजनी के हादसे हो चुके हैं। दुकान में 50 से ज्यादा सिलेंडर हर समय रहते हैं। वाहनों में सिलेंडर रखते और उतारते समय इन्हें सड़क पर फेंका जाता है। 100 मीटर की दूरी पर ही शहरी हाईवे है, यहां वाहनों की आवाजाही लगी रहती है। आक्सीजन सिलेंडर की यह दुकान कभी भी बड़े हादसे का कारण बन सकती है।
दिल्ली की घटना के बाद भी प्रशासन नहीं हुआ अलर्ट
विगत दिनों दिल्ली के विवेक विहार में बेबी केयर न्यू बोर्न अस्पताल में ऑक्सीजन के सिलेंडरों में विस्फोट होने से सात नवजात शिशुओं की मौत हुई थी और कुछ सिलिंडर जमीन में धंस गए तो कुछ रॉकेट की तरह इधर उधर जाकर गिरे थे। धमाके के बाद एक सिलेंडर डेढ़ सौ मीटर दूर आईटीआई परिसर में जा गिरा और वहां सूखे पत्तों में आग लग गई। इस घटना के बाद भी शाजापुर में जिला प्रशासन अलर्ट नहीं हुआ। शहर के रहवासी इलाके में आक्सीजन सिलेंडरों की रिफिलिंग और बड़ी मात्रा में स्टाक होने के बाद भी प्रशासन द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है।
स्थानीय रहवासियों ने बताया दिल्ली में आक्सीजन सिलेंडरों में हुए विस्फोट के बाद यहां से इस दुकान को तत्काल हटाया जाना चाहिए। शहर के मध्य में बड़ी मात्रा में दुकान के अंदर सिलेंडर रखें हुए हैं और यहां रिफिलिंग की जा रही है। प्रशासन को शिकायत भी की लेकिन कोई कार्रवाई नहीं है।