मुंबई : पूर्वी और पश्चिमी उपनगरों को जोड़ने के लिए बीएमसी की महत्वाकांक्षी गोरेगांव-मुलुंड लिंक रोड परियोजना के तहत संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान के अंतर्गत 4.7 किमी दूरी की जुड़वां सुरंगों का निर्माण किया जाएगा। इस टनल के जरिए पूर्वी और पश्चिमी उपनगरों के बीच सफर का समय 75 मिनट से घटकर 25 मिनट हो जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 13 जुलाई, 2024 को शाम 5 बजे गोरेगांव के नेस्को एक्जिबिशन सेंटर में आयोजित कार्यक्रम से इस ट्विन टनल के काम का शुभारंभ करेंगे। इस दौरान महाराष्ट्र के राज्यपाल रमेश बैस, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, पीयूष गोयल, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, अजित पवार, बीएमसी कमिश्नर भूषण गगरानी सहित बड़ी संख्या में मंत्री एवं अधिकारी मौजूद रहेंगे। इसके अलावा, एमएमआरडीए द्वारा बनाई जा रही ठाणे-बोरिवली टनल के काम का भी भूमिपूजन किया जाएगा। यह 11.85 किमी लंबी ट्विन टनल है, जो कुल छह लेन की होगी।
गौरतलब है कि बीएमसी द्वारा पूर्वी और पश्चिमी उपनगरों को सड़क मार्ग से जोड़ने के लिए गोरेगांव-मुलुंड लिंक रोड परियोजना (जीएमएलआर) शुरू की गई है। इस परियोजना के शुरू होने से पूर्वी और पश्चिमी उपनगरों के बीच यात्रा का समय 75 मिनट से घटकर 25 मिनट हो जाएगा। परियोजना के तीसरे चरण के तहत, संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान के तहत 4.7 किमी दूरी की जुड़वां सुरंगों का निर्माण किया जाएगा।
ट्विन टनल से जुड़ी खास बातें
– गोरेगांव-मुलुंड लिंक रोड (लिंक रोड) प्रॉजेक्ट के तहत बोरीवली में संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान के अंतर्गत 4.7 किमी लंबी और 45.70 मीटर चौड़ी जुड़वां सुरंगें बनाई जाएंगी।
– अप्रोच रोड और अन्य कनेक्टिंग पहलुओं को जोड़ने से कुल लंबाई 6.65 किमी हो जाएगी।
– यह जुड़वा सुरंग जमीन के अंदर 20 से 160 मीटर की गहराई पर होगी।
– दोनों सुरंगें 300-300 मीटर की दूरी पर जुड़ी होंगी।
– सुरंग की खुदाई लगभग 14.2 मीटर व्यास वाले टनल बोरिंग प्लांट (टीबीएम) द्वारा की जाएगी।
– सुरंग में आधुनिक प्रकाश व्यवस्था, वेंटिलेशन सिस्टम, अग्नि सुरक्षा प्रणाली, सीसीटीवी, सुरंग के दोनों ओर नियंत्रण कक्ष आदि का समावेश होगा।
– सुरंगों के नीचे स्ट्रॉम वॉटर ड्रेनेज लाइन और भविष्य में जल आपूर्ति के लिए संभावित लाइन जैसे उपयोगिता चैनलों का प्रावधान किया जाएगा।
– सुरंग का निर्माण संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान के साथ-साथ आरे, विहार और तुलसी झील की वनस्पतियों और जीवों को बिना नुकसान पहुंचाए बिना किया जाएगा।
– प्रॉजेक्ट के लिए संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान में कोई भूमि अधिग्रहण नहीं होगा।
– पशुओं के सुरक्षित आवागमन हेतु पशु पथ का निर्माण किया जाएगा।
– हर साल करीब 22 हजार 400 टन कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी।
– मुंबईकरों को यात्रा के समय और ईंधन की भी बचत होगी।
– जुड़वां सुरंगों के निर्माण की अनुमानित कुल लागत होगी 6301.08 करोड़ रुपये।
– ट्विन टनल के पूरा होने की अनुमानित अवधि अक्टूबर 2028 सुनिश्चित की गई है।
– टनल प्रॉजेक्ट से विस्थापित आवासीय और वाणिज्यिक परियोजना पीड़ितों के पुनर्वास के लिए 23 मंजिला 7 इमारतें और 3 मंजिला मार्केट बिल्डिंग का निर्माण कार्य प्रगति पर है।
– प्रॉजेक्ट की कुल लंबाई 12.20 किमी है, जिसके डिजाइन का कार्य प्रगति पर है।
गोरेगांव-मुलुंड लिंक रोड के फायदे
– गोरेगांव-मुलुंड जोड़ मार्ग मुंबई के पूर्वी और पश्चिमी उपनगरों को जोड़ने वाली चौथी प्रमुख सड़क है। विशेषकर उत्तरी मुंबई में यातायात को बड़ा लाभ।
– यह प्रॉजेक्ट पूर्व-पश्चिम उपनगरों के बीच एक नया लिंक बनाएगी, जिससे ट्रैफिक जाम से राहत मिलेगी।
– यह प्रॉजेक्ट वेस्टर्न सबर्ब को नवी मुंबई में प्रस्तावित नए हवाई अड्डे और पुणे-मुंबई एक्सप्रेस-वे से सीधी कनेक्टिविटी प्रदान करेगी।
– इस प्रॉजेक्ट से नासिक हाइवे पर चलने वाले वाहनों को भी फायदा होगा।
– जोगेश्वरी-विक्रोली लिंक रोड की तुलना में यात्रा की दूरी लगभग 8.80 किमी कम हो जाएगी।
– गोरेगांव और मुलुंड के बीच यात्रा का समय 75 मिनट से घटकर लगभग 25 मिनट हो जाएगा।
– ईंधन की खपत में बचत साथ ही मुंबई की वायु गुणवत्ता सूचकांक में भी सुधरेगा।