नीट पेपर लीक केस: जानिये मास्टरमाइंड को जिसने एग्जाम सेंटर के ट्रंक से क्वेश्चन पेपर चोरी की और गिरोह को दिया
हाइलाइट्स
नीट पेपर लीक कांड के मास्टरमाइंड संजीव मुखिया तक पहुंचने के करीब सीबीआई. नीट पेपर लीक कांड की जांच कर रही सीबीआई की टीम जल्द कर सकती है खुलासा.संजीव मुखिया के करीबी पंकज कुमार सिंह उर्फ आदित्य से सीबीआई की पूछताछ जारी.
पटना. नीट पेपर लीक कांड की जांच कर रही सीबीआई की टीम द्वारा क्वेश्चन पेपर चोरी से लेकर अभ्यर्थियों तक उसे पहुंचने रटवाने से लेकर इस मामले में शामिल करीब-करीब हर एक शख्स को पकड़ लिया गया है. लेकिन, क्वेश्चन पेपर ले जाने वाले ट्रक की सूचना सॉल्वर गैंग तक कैसे पहुंची सीबीआई इस बात का पता लगाने में जुटी हुई है. सीबीआई द्वारा मंगलवार को गिरफ्तार किए गए पंकज ने ही ट्रक से पेपर चुराए थे. सीबीआई उसे रिमांड पर लेकर ट्रांसपोर्ट की सूचना देने वाले के बारे में लगातार पूछताछ कर रही है. बुधवार को भी सीबीआई द्वारा पंकज और राजू से घंटों पूछताछ की गई.
बता दें कि पंकज कुमार सिंह उर्फ आदित्य पेशे से एक सिविल इंजीनियर है. आरोप के अनुसार, जब लोहे के ट्रंक में हजारीबाग से पेपर भेजे जा रहे थे तब उसने कथित तौर पर उसने ही पेपर लीक किया था. झारखंड के बोकारो निवासी पंकज को सीबीआई ने मंगलवार को पटना के दीघा इलाके से गिरफ्तार किया था. पंकज ने ही हजारीबाग स्थित ओएसिस स्कूल परीक्षा केंद्र के बक्से से नीट के प्रश्न पत्र की चोरी की थी. इस काम में उसकी मदद राजू ने की थी. बताया जा रहा है कि इसके बाद इन दोनों ने मिलकर इस प्रश्न पत्र को पेपर लीक गिरोह के दूसरे लोगों तक पहुंचाया था. बता दें कि राजू को भी सीबीआई ने हजारीबाग से गिरफ्तार कर लिया था और उसे मंगलवार को ही विशेष कोर्ट में पेश किया गया था. सीबीआई उसे भी डिमांड पर लेकर पूछताछ की कर रही है.
इसके साथ ही बुधवार को पंकज उर्फ आदित्य को पटना स्थित सीबीआई की विशेष अदालत में पेश किया गया था जहां उसे रिमांड पर भेज दिया गया. सीबीआई सूत्रों का कहना है कि पंकज और राजू नीट पेपर लीक खुलासे में अहम कड़ी है. इन दोनों से पूछताछ में कई बातों का खुलासा होने की संभावना है. पंकज से यह जानकारी मिल सकेगी कि उसने प्रश्न पत्र किस-किस को भेजा था. पंकज और रॉकी ने से संयुक्त और अलग-अलग पूछताछ के जरिए यह जानकारी मिल सकेगी कि प्रश्न पत्र को कहां-कहां भेज कर उसे हल कराया गया था. साथ ही दूसरे राज्यों में किसने किस तरह से भेजा था. साथ ही इसके बदले में उसे कितनी रकम मिली थी.
बता दें कि अब तक की जांच में या खुलासा हुआ है कि हजारीबाग स्थित परीक्षा केंद्र से ही नीट के पेपर लीक हुए थे जिसे पटना के खेमनी चक स्थित एक निजी हॉस्टल तक पहुंचाया गया था. बता दें कि नीट पेपर लीक कांड को सीबीआई को हैंडओवर करने के बाद 25 दिनों में सात राज्यों में अब तक 42 आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है. सीबीआई सूत्रों की मानें तो रॉकी ने ही नीट का पेपर लीक होने के बाद उसे हल कर कर एक दूसरे आरोपी चिंटू के मोबाइल पर भेजा था. सीबीआई ने रॉकी को गिरफ्तार कर लिया है. कोर्ट से 10 दिनों के डिमांड पर लेकर सीबीआई की टीम उससे लगातार पूछताछ करने में जुटी हुई है.
पेपर लीक मामला सामने आने के बाद से ही रॉकी फरार चल रहा था. उसकी तलाश में पहले पटना पुलिस फिर उसके बाद ईओयू और फिर सीबीआई की टीम लगी रही. रॉकी नालंदा के हिलसा के गजेंद्र बीघा गांव का रहने वाला है और उसका असली नाम राकेश बताया जाता है. पिछले कुछ सालों से उसने अपना ठिकाना राजधानी के रांची को बनाया था जहां उसका रेस्टोरेंट चलता है.
रॉकी पेपर लीक कांड के सरगना संजीव मुखिया का बेहद करीबी है और वह रिश्ते में संजीव मुखिया का भगिना लगता है. गौरतलब है कि संजीव मुखिया नगर नौसा का रहने वाला है जिसे लोग लूटन मुखिया के नाम से भी जानते हैं. संजीव मुखिया एक पुराना जलसाज है उसने कई प्रतियोगी परीक्षाओं का पेपर लीक करवाकर सिस्टम को चुनौती दी है. सीबीआई की टीम संजीव मुखिया तक पहुंचाना चाहती है, ताकि इस पूरे मामले को अंतिम मुकाम तक पहुंचा जा सके.
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FIRST PUBLISHED :
July 18, 2024, 10:09 IST