हिंदी न्यूज़न्यूज़इंडिया‘जस्टिस यादव के खिलाफ हो तत्काल कार्रवाई’, इलाहाबाद HC के जज के बयान पर भड़के मौलाना असद मदनी
Maulana Mahmood Asad Madani On Justice Yadav: मौलाना मदनी ने कहा कि हम जस्टिस यादव के इस व्यवहार की तत्काल और गंभीरता से जांच की मांग करते हैं.
By : अहमद बिलाल, एबीपी न्यूज़ | Edited By: abhishek pratap | Updated at : 11 Dec 2024 07:20 PM (IST)
मौलाना महमूद असद मदनी (फाइल फोटो)
Justice Shekhar Yadav Comment Row: जमीअत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद असद मदनी ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के जज, जस्टिस शेखर यादव के हालिया विवादास्पद बयान की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि उन्होंने अपने पद की विश्वसनीयता को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाया है. यह बहुत दुखद है कि जिन अदालतों से न्याय और निष्पक्षता के माध्यम से सभी वर्गों को एकजुट करने की आशा की जाती है, उनका एक सशक्त प्रतिनिधि देश को तोड़ने वाली शक्तियों का सहयोगी बन रहा है.
मौलाना मदनी ने कहा कि उन्हें संविधान का प्रतिनिधि होना चाहिए जबकि वे संविधान को नुकसान पहुंचा रहे हैं. जस्टिस शेखर यादव ने विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के एक कार्यक्रम में कहा था कि देश बहुमत की इच्छा के अनुसार चलेगा. एक विशेष समुदाय का जिक्र करते हुए जस्टिस यादव ने सवाल किया कि जब बचपन से ही बच्चों के सामने जानवरों का वध किया जाता है तो वे कैसे दयालु और सहनशील हो सकते हैं? उन्होंने मुसलमानों के एक वर्ग को ‘कठमुल्ला’ बताते हुये कहा कि उनका अस्तित्व देश के लिए हानिकारक है.
‘सांप्रदायिक सौहार्द हो सकता है प्रभावित’
मौलाना मदनी ने कहा कि न्यायपालिका के सदस्य होने के नाते जस्टिस यादव को इस बात की पूरी जानकारी होनी चाहिए कि उनके इस तरह के बयान से सांप्रदायिक सौहार्द प्रभावित हो सकता है. साथ ही, इससे न केवल न्यायपालिका की प्रतिष्ठा कमजोर होती है, बल्कि न्यायपालिका के प्रति लोगों का विश्वास भी कम होता है. न्यायपालिका एक निष्पक्ष संस्था है और उसका कर्तव्य है कि वह संविधान की सर्वोच्चता को बनाए रखे और सभी नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करे. देश में कई सक्षम और ईमानदार न्यायाधीश हैं, जिनके फैसलों से देश का सम्मान बढ़ता है और देश के नागरिकों को न्याय मिलता है, लेकिन जस्टिस यादव ने अपने बयान से इस पेशे की मर्यादा और इससे जुड़े लोगों के अच्छे नामों पर पानी फेर दिया है.
जस्टिस यादव के खिलाफ कार्रवाई की मांग
मौलाना मदनी ने कहा कि हम जस्टिस यादव के इस व्यवहार की तत्काल और गंभीरता से जांच की मांग करते हैं. हम मांग करते हैं कि न्यायपालिका की विश्वसनीयता की रक्षा के लिए उनके खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जाए. हम संसद सदस्यों और भारत के मुख्य न्यायाधीश से अनुरोध करते हैं कि इस मामले की गहन जांच की जाए और उनके खिलाफ हर संभव कार्रवाई की जाए.
इस मौके पर मौलाना मदनी ने सत्य और न्याय की आवाज उठाने वाले पूर्व न्यायाधीशों और वकीलों की सराहना की और कहा कि एकजुट ताकतों के जरिए ही देश को सांप्रदायिकता के अभिशाप से मुक्त कराया जा सकता है.
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Published at : 11 Dec 2024 07:20 PM (IST)
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