PHOTOS: चंद्रचूड़ के साथ पढ़े, एक साथ दोनों दोस्त बने देश के ASG; एक निकल गया बहुत आगे
CJI डीवाई चंद्रचूड़ की शुरुआत पढ़ाई-लिखाई मुंबई और दिल्ली में हुई. दिल्ली के सेंट कोलंबस स्कूल में एक दोस्त ऐसा बना, जो कॉलेज तक साथ रहा. दोनों एक ही साल देश के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल बने थे…
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CJI डीवाई चंद्रचूड़ के पिता, जस्टिस वाईवी चंद्रचूड़ भी भारत के मुख्य न्यायाधीश रहे हैं. सबसे ज्यादा समय तक चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया की कुर्सी पर रहने का रिकॉर्ड उन्हीं का नाम है. जस्टिस वाईवी चंद्रचूड़ का साल 1972 में तबादला सुप्रीम कोर्ट में तबादला हुआ. दिल्ली आए तो बेटे डीवाई चंद्रचूड़ का एडमिशन सेंट कोलंबस स्कूल में करा दिया. जो तब दिल्ली के सबसे नामी स्कूलों में हुआ करता था.
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सेंट कोलंबस स्कूल में चंद्रचूड़ के साथ अभिषेक मनु सिंघवी भी पढ़ा करते थे. दोनों की क्लास एक ही थी, लेकिन सेक्शन अलग-अलग था. सिंघवी 9A में थे तो चंद्रतूड़ 9F में. कोलंबस से 12वीं तक की पढ़ाई के बाद चंद्रचूड़ और सिंघवी दोनों सेंट स्टीफंस कॉलेज चले गए.
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कॉलेज में आने के बाद दोनों की दोस्ती और गहरी हुई. खुद अभिषेक मनु सिंघवी एक इंटरव्यू में बताते हैं कि सेंट स्टीफंस में फर्स्ट ईयर में वह सबसे आगे थे, लेकिन आखिरी साल आते-आते चंद्रचूड़ ने सबको पीछे छोड़ दिया और कॉलेज टॉपर बने. कॉलेज में उनके नोट्स खूब पसंद किये जाते थे.
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ग्रेजुएशन के बाद डीवाई चंद्रचूड़ हार्वर्ड यूनिवर्सिटी चले गए. जबकि अभिषेक मनु सिंघवी ने कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के ट्रिनिटी कॉलेज में दाखिला ले लिया वापस. पढ़ाई पूरी कर लौटे तो दोनों ने वकालत शुरू की और कुछ ही दिनों में नामी वकील बन गए. साल 1998 में दोनों को देश का एडिशनल सॉलिसिटर जनरल (ASG) नियुक्त किया गया.
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चंद्रचूड़ वकील से जज बन गए. बॉम्बे हाईकोर्ट के बाद इलाहाबाद हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस बने. फिर सुप्रीम कोर्ट आए. यहीं से चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया की कुर्सी पर पहुंचे. जबकि अभिषेक मनु सिंघवी वकालत करते रहे. साथ-साथ राजनीति में भी हाथ आजमाया. राज्यसभा के सदस्य बने. उनकी गिनती देश के दिग्गज वकीलों में होती है.