हिंदी न्यूज़न्यूज़इंडियाक्या टूटने की कगार पर हैं भारत-कनाडा के संबंध? संसद में विदेश मंत्रालय का जवाब- ‘ट्रूडो सरकार देती है चरमपंथियों को पनाह’
क्या टूटने की कगार पर हैं भारत-कनाडा के संबंध? संसद में विदेश मंत्रालय का जवाब- ‘ट्रूडो सरकार देती है चरमपंथियों को पनाह’
India Canada Relations: विदेश मंत्रालय ने संसद में बताया कि कनाडा के साथ भारत के द्विपक्षीय संबंध चुनौतीपूर्ण हैं. केंद्र ने इसके पीछे कनाडाई सरकार का चरमपंथी तत्वों को राजनीतिक आश्रय देना बताया है.
By : अंकित गुप्ता | Edited By: Gautam Singh | Updated at : 29 Nov 2024 10:26 PM (IST)
भारत-कनाडा के संबंधों पर विदेश मंत्रालय का आया जवाब
India Canada Relations: भारत-कनाडा संबंधों को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि दोनों सरकारें अपने द्विपक्षीय संबंधों की स्थिति को लेकर संपर्क में हैं. मंत्रालय ने कहा कि स्थिर द्विपक्षीय संबंधों के लिए एक-दूसरे की चिंताओं, क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता का सम्मान करना आवश्यक है. इस संबंध में भारत सरकार ने बार-बार कनाडा सरकार से अपनी जमीन पर सक्रिय भारत विरोधी तत्वों के खिलाफ जल्द और प्रभावी कार्रवाई करने कि अपील की है.
इसमें उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने की अपील की है जो अलगाववादी और चरमपंथी विचारधाराओं के साथ भारत में माहौल खराब करने की कोशिश कर रहे हैं, साथ ही हमारे नेताओं की हत्या का महिमामंडन करते हैं, हमारे वर्तमान राजनीतिक नेतृत्व और राजनयिकों को धमकियां देते हैं, पूजा स्थलों का अनादर और तोड़फोड़ कर रहे हैं और तथाकथित “जनमत संग्रह” आयोजित करके भारत के विभाजन का समर्थन करते हुए बयान देते हैं और लोगों को भड़का रहे हैं.
राजनयिकों को भी नहीं मिल रहीं सुविधाएं
मंत्रालय ने जानकारी देते हुए कहा, “कनाडाई अधिकारी हमारे राजनयिकों और राजनयिक संपत्तियों को सुरक्षा प्रदान करने में सक्षम हैं, लेकिन उन्होंने हाल ही में अलगाववादी और चरमपंथी तत्वों के हिंसक कृत्यों से हमारे राजनायिक शिविरों को सुरक्षा प्रदान करने में असमर्थता ज़ाहिर कर दी है. इसके चलते हमारे राजनयिकों और कांसुलर अधिकारियों को, भारतीय और कनाडाई नागरिकों, विशेष रूप से वरिष्ठ नागरिकों/सेवानिवृत्त लोगों को मिलने वाली सुविधाओं से वंचित किया जा रहा है.”
व्यापार के क्षेत्र में भारत और कनाडा के संबंध
अपने जवाब में विदेश मंत्रालय ने कहा कि मौजूदा वक्त में कनाडा में लगभग 1.8 मिलियन इंडो-कनाडाई (कनाडा की आबादी का लगभग 4.7% हिस्सा) और लगभग 4,27,000 भारतीय छात्रों समेत करीब नॉन रेजिडेंट इंडियन कनाडा में रह रहे हैं. इतना ही नहीं व्यापार के क्षेत्र में भारत और कनाडा के महत्वपूर्ण संबंध रहे हैं.
भारत-कनाडा द्विपक्षीय व्यापार $9.36 बिलियन (2023 का आंकड़ा) है, जिसमें भारत का कनाडा को निर्यात $5.56 बिलियन और कनाडा से आयात $3.8 बिलियन है. वहीं, बात की जाए निवेश पक्ष पर तो कनाडाई पेंशन फंड में भारत की हिस्सेदारी उनके एशिया-प्रशांत निवेश पोर्टफोलियो का लगभग 25% होने का अनुमान है. साथ ही 3.9 अरब डॉलर की एफडीआई के साथ कनाडा भारत में 17वां सबसे बड़ा निवेशक है.
Published at : 29 Nov 2024 10:21 PM (IST)
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