नई दिल्ली: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर से रेप के बाद हत्या मामले में सुप्रीम कोर्ट आज सुनवाई करेगा। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में स्वत: संज्ञान लिया है। सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर प्रकाशित वाद सूची के अनुसार, भारत के चीफ जस्टिस (सीजेआई) डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन जजों की पीठ 30 सितंबर को स्वत: संज्ञान मामले की सुनवाई फिर से शुरू करेगी।
पिछले सप्ताह पीठ ने पश्चिम बंगाल सरकार के अनुरोध पर 27 सितंबर को निर्धारित सुनवाई को स्थगित कर दिया था। पीठ में जस्टिस जे.बी. पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा भी शामिल हैं। पिछली सुनवाई में, शीर्ष अदालत ने राज्य सरकार के उस आदेश की ओर ध्यान आकर्षित किए जाने पर चिंता जताई थी, जिसमें महिला डॉक्टरों को रात में काम पर नहीं रखने की बात कही गई थी।
इसके बाद पश्चिम बंगाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को आश्वासन दिया कि ऐसी शर्त लागू नहीं की जाएगी, जो लैंगिक समानता के मूल संवैधानिक सिद्धांत के प्रतिकूल हो। इसके अलावा, उसने दोहराया था कि काम पर लौटने वाले डॉक्टरों के खिलाफ कोई प्रतिकूल या दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
सुनवाई के दौरान, शीर्ष अदालत ने पाया कि सीबीआई की जांच का उद्देश्य हत्या और बलात्कार की घटना की ‘पूर्ण सच्चाई’ और ‘नई सच्चाई’ को उजागर करना है। सीबीआई की ताजा स्थिति रिपोर्ट के बाद सीजेआई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, ‘सीबीआई क्या कर रही है, इस बारे में आज खुलासा करने से जांच की दिशा प्रभावित होगी। सीबीआई की आगे की जांच का उद्देश्य पूरे सच और नई सच्चाई को उजागर करना है। आप सभी जानते हैं कि मुख्य आरोपी के अलावा एसएचओ की भी गिरफ्तारी हुई है। वह सीबीआई की हिरासत में है और जांच के दौरान महत्वपूर्ण तथ्य सामने आएंगे।’
‘…प्रयास जांच के उद्देश्य को भटका सकता है’
सुप्रीम कोर्ट ने जोर देकर कहा कि केंद्रीय जांच एजेंसी को पर्याप्त समय दिया जाना चाहिए और समयबद्ध तरीके से जांच को बंद करने का कोई भी प्रयास जांच के उद्देश्य को भटका सकता है। सीजेआई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, ‘हम सभी अंतिम सच्चाई तक पहुंचने के लिए उचित जांच सुनिश्चित करने में रुचि रखते हैं, जिसे सीबीआई द्वारा किया जा रहा है।’