Monday, January 20, 2025
Monday, January 20, 2025
Home कोलकाता डॉक्टर केस : बंगाल सरकार के अधिकारियों के खिलाफ शुरू हो अवमानना कार्यवाही…केंद्र ने क्यों की SC से गुजारिश?

कोलकाता डॉक्टर केस : बंगाल सरकार के अधिकारियों के खिलाफ शुरू हो अवमानना कार्यवाही…केंद्र ने क्यों की SC से गुजारिश?

by
0 comment

नई दिल्ली : बहुचर्चित और शर्मनाक कोलकाता डॉक्टर केस के बाद सुप्रीम कोर्ट ने 20 अगस्त को आरजी कर मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल में सीआईएसएफ की तैनाती का फैसला दिया था। लेकिन अब सीआईएसएफ का दावा है कि उसे पश्चिम बंगाल सरकार से सहयोग नहीं मिल रहा। इस मुद्दे पर अब केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंची है और पश्चिम बंगाल के अधिकारियों के खिलाफ अदालत की अवमानना की कार्यवाही शुरू करने की गुजारिश की है। केंद्रीय गृह मंत्रालय की दलील है कि अधिकारी 20 और 22 अगस्त को दिए गए कोर्ट के आदेश को लागू कराने में ‘असहयोग’ कर रहे हैं।

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि पश्चिम बंगाल सरकार, RG कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में सुरक्षा देने वाले CISF के प्रति ‘असहयोगात्मक रवैया’ अपना रही है। शीर्ष अदालत ने अस्पताल परिसर में एक डॉक्टर के साथ हुए बर्बर रेप और मर्डर के बाद CISF को सुरक्षा का जिम्मा सौंपा था। गृह मंत्रालय ने इसे ‘सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की जानबूझकर अवज्ञा’ करार दिया और कहा कि उच्च पदस्थ CISF अधिकारियों की तरफ से कोलकाता पुलिस आयुक्त के साथ बार-बार बैठकें की गईं। गृह मंत्रालय की तरफ से भी राज्य के मुख्य सचिव को पत्र लिखा गया लेकिन इसके बावजूद, अर्धसैनिक बल के जवानों को पर्याप्त आवास और सुरक्षा उपकरण मुहैया करने के लिए ‘राज्य सरकार की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है।’

गृह मंत्रालय ने स्थिति को तनावपूर्ण बताते हुए कहा कि ऐसे समय में जब डॉक्टरों, खासकर महिला डॉक्टरों और स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता हो, राज्य सरकार का असहयोगात्मक रवैया न केवल आश्चर्यजनक है, बल्कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का स्पष्ट उल्लंघन भी है। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार की सहमति से CISF की तैनाती का निर्देश दिया था। गृह मंत्रालय ने कहा, ‘बार-बार अनुरोध के बावजूद पश्चिम बंगाल की निष्क्रियता एक व्यवस्थित बीमारी का लक्षण है, जहां अदालत के आदेशों के तहत काम करने वाली केंद्रीय एजेंसियों के साथ ऐसा असहयोग आम बात है। यह न केवल अवमानना है, बल्कि उन सभी संवैधानिक और नैतिक सिद्धांतों के खिलाफ है, जिनका पालन एक राज्य को करना चाहिए।’

केंद्र ने ममता बनर्जी सरकार पर जानबूझकर असहयोगात्मक रवैया अपनाने और बाधाएं पैदा करने और सुप्रीम कोर्ट की स्वत: संज्ञान की कार्यवाही को खतरे में डालने का आरोप लगाया है। गृह मंत्रालय ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 22 अगस्त से आरजी कर अस्पताल में एक महिला अधिकारी के नेतृत्व में 54 महिलाओं सहित 184 कर्मियों वाली CISF की दो कंपनियां तैनात की गई हैं। चूंकि राज्य सरकार द्वारा अस्पताल के पास उनके ठहरने की कोई व्यवस्था नहीं की गई थी, इसलिए जवान CISF परिसर में रह रहे हैं और अस्पताल पहुंचने के लिए एक घंटे का सफर तय करते हैं।

गृह मंत्रालय ने कहा कि पर्याप्त परिवहन सुविधाओं और सुरक्षा उपकरणों के लिए मंत्रालय द्वारा राज्य के मुख्य सचिव के साथ इस मुद्दे को उठाने के बावजूद, राज्य सरकार की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। गृह मंत्रालय ने कहा, ‘आवास, सुरक्षा उपकरणों की अनुपलब्धता और परिवहन की कमी के कारण, ड्यूटी पर तैनात कर्मियों, विशेषकर महिला कर्मियों को विभिन्न स्थानों से अस्पताल पहुंचने के लिए यात्रा करने के बाद अपने कर्तव्यों का पालन करने में बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।’

चन्द्र प्रकाश पाण्डेय

लेखक के बारे में

चन्द्र प्रकाश पाण्डेय

चन्द्र प्रकाश पाण्डेय अगस्त 2016 से नवभारतटाइम्स.कॉम में कार्यरत हैं। टीवी पत्रकारिता से शुरुआत कर डिजिटल जर्नलिज्म में कदम रखा। पूर्वी यूपी के एक गांव से ताल्लुक रखते हैं। सीखने-समझने का क्रम जारी है।… और पढ़ें

Leave a Comment

About Us

Welcome to janashakti.news/hi, your trusted source for breaking news, insightful analysis, and captivating stories from around the globe. Whether you’re seeking updates on politics, technology, sports, entertainment, or beyond, we deliver timely and reliable coverage to keep you informed and engaged.

@2024 – All Right Reserved – janashakti.news/hi

Adblock Detected

Please support us by disabling your AdBlocker extension from your browsers for our website.