केदारनाथ मंदिर पर महासंग्राम क्यों? शंकराचार्य भी गुस्से में, दिल्ली से देहरादून तक विरोध की आग
केदारनाथ धाम वैसे तो उत्तराखंड में है, लेकिन दिल्ली के बुराड़ी में बिल्कुल उसी तरह का केदारनाथ मंदिर बनाया जा रहा है, जिसे लेकर महासंग्राम छिड़ गया है. दिल्ली से देहरादून तक विरोध के स्वर उठ रहे हैं. केदारनाथ धाम के तीर्थ पुरोहित समाज में आक्रोश चरम पर है, तो वहीं शंकराचार्य भी गुस्से में हैं. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस बारे में सफाई भी दी थी, लेकिन संतों ने उसे ठुकरा दिया. आइए जानते हैं आखिर विरोध की वजह क्या है?
बीते बुधवार को बुराड़ी में मंदिर का शिलान्यास हुआ, जिसमें उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी शामिल हुए. उन्होंने ही मंदिर का भूमि पूजन और शिलान्यास किया. यह देखकर केदारनाथ धाम के तीर्थ पुरोहित नाराज हो गए. वे धरने पर बैठ गए. तीन दिन से वे मुख्यमंत्री के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. पुरोहितों-संतों का कहना है कि भगवान केदारनाथ सिर्फ एक हैं. उनके नाम पर कोई अन्य ट्रस्ट नहीं चलाया जा सकता. उनकी तरह का कोई अन्य मंदिर नहीं बनाया जा सकता. केदारनाथ तीर्थ पुरोहितो समाज के पूर्व अध्यक्ष विनोद शुक्ला ने कहा, दिल्ली में केदारनाथ मंदिर की तरह का प्रतीकात्मक मंदिर बनाना गलत फैसला है. हम सभी इसका विरोध करते हैं. मुख्यमंत्री को जल्द इस बारे में उचित निर्णय लेना होगा, नहीं तो प्रदर्शन और उग्र होगा.
इस मामले में बद्रीकेदार मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय का बड़ा बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि दिल्ली में किसी केदारनाथ ट्रस्ट द्वारा जो केदारनाथ मंदिर बनाया जा रहा है, उससे प्रदेश सरकार का कुछ लेना देना नहीं है. न ही सरकार किसी तरह से इनका सहयोग कर रही है. यह भी शिकायतें सामने आई हैं कि कुछ लोग बद्रीनाथ और केदारनाथ के नाम से ट्रस्ट व संस्थाएं बनाकर श्रद्धालुओं से दान और चंदा इकट्ठा कर रहे हैं. कुछ लोग ऐप के माध्यम से बद्रीनाथ और केदारनाथ धाम में ऑनलाइन पूजा कराने के नाम पर पैसे ले रहे हैं. इनकी जांच की जा रही है. जो भी दोषी पाया जाएगा, सरकार उनके खिलाफ कार्रवाई करेगी.
शंकराचार्य ने क्या कहा…
शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद इस मामले में काफी गुस्से में नजर आए. उन्होंने कहा, जिस धाम को जगदगुरु आदि शंकराचार्य ने बनाया, वैसा धाम आप कहीं और नहीं बना सकते. केदारनाथ में घोटाला हुआ, उसकी जांच क्यों नहीं कराई जाती. कोई पूछताछ शुरू नहीं हुई. इसके लिए कौन जिम्मेदार है. अब वे कह रहे हैं कि वे दिल्ली में केदारनाथ बनाएंगे, ऐसा नहीं हो सकता. केदारनाथ के मुख्य पुजारी शिव शंकर लिंग ने कहा कि केदारनाथ धाम साक्षात हिमालय में बसा हुआ है. इसका अपना महत्व है. दिल्ली में इसकी प्रतिकृति बनाना धर्म का अपमान है.
कांग्रेस ने भी साधा निशाना
केदारनाथ का दिल्ली में प्रतीकात्मक मंदिर बनाने और केदारनाथ धाम से शिला ले जाने का कांग्रेस ने कड़ा विरोध किया है. बागेश्वर में नाराज कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के खिलाफ नारेबाजी के साथ प्रदर्शन किया. प्रदर्शन में कांग्रेस नेताओं ने कहा कि भाजपा सरकार ने देवभूमि की जनता की आस्था को ठेस पहुचाई है. भाजपा सरकार उत्तराखंड विरोधी मानसिकता की है. मुख्यमंत्री अपने प्रभाव का इस्तेमाल करें और इसे रोकें.
मुख्यमंत्री धामी ने क्या कहा…
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, धाम दूसरे स्थान पर नहीं हो सकता. लेकिन प्रतीकात्मक रूप से मंदिर बनते रहे हैं . राज्य सरकार सनातन संस्कृति के उत्थान के लिए लगातार काम कर रही है. चार धाम में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ रही है. बुराड़ी क्षेत्र में बन रहा केदारनाथ धाम पूरी मानवता को प्रेरणा देने का काम करेगा.
Tags: Adi Shankaracharya, Kedarnath Dham
FIRST PUBLISHED :
July 15, 2024, 20:43 IST