पूर्व कैबिनेट मंत्री उषा ठाकुर ने दिग्विजय सिंह के बागेश्वर धाम प्रमुख धीरेंद्र शास्त्री को दी गई सलाह पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। हाल ही में दिग्विजय सिंह ने कहा था कि जो लोग सनातन धर्म की बात करते हैं, उन्हें स्वामी प्रेमानंद जी के सनातन पर दिए गए व
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उषा ठाकुर ने आगे कहा कि धीरेंद्र शास्त्री का यह विचार है कि जो लोग हिंदू आस्था में विश्वास नहीं रखते, उन्हें धार्मिक आयोजनों और समागम में शामिल नहीं होना चाहिए। ठाकुर ने कहा कि धीरेंद्र शास्त्री का यह सुझाव है कि कुंभ से जुड़े धार्मिक आयोजनों में गैर-हिंदू लोगों की उपस्थिति पर रोक लगाई जाए। ठाकुर ने इसे एक सार्थक कदम बताते हुए कहा कि जिनकी आस्था नहीं है, उन्हें हमारी धार्मिक परम्पराओं में भाग लेने का अधिकार नहीं होना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार कर रही है और आने वाले समय में धार्मिक आयोजनों में आस्था का सम्मान बनाए रखने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। ठाकुर ने इस बात पर जोर दिया कि धार्मिक आयोजनों में किसी भी प्रकार की आस्था के विपरीत गतिविधियों को रोका जाना चाहिए और इसके लिए सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है।
दिग्विजय सिंह के बयान की निंदा
उषा ठाकुर ने दिग्विजय सिंह द्वारा दिए गए खाद की किल्लत के बयान को लेकर कहा कि दिग्विजय सिंह का भड़काऊ बयान देना और मध्य प्रदेश की वातावरण को खराब करना यह उनके जीवन का एक अनिवार्य हिस्सा हो गया है। हर बार वह इसी बात की पुनरावृत्ति करते रहते हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि खाद की कोई किल्लत नहीं है। जितनी मात्रा में किसानों को चाहिए उतना उपलब्ध करा रही है हमारी सरकार। हम जैविक खेती की ओर किसानों को आकर्षित करना चाहते हैं, हमारे अन्न और जो फल-सब्जी है, उनकी पौष्टिकता नष्ट हो गई है। सबसे प्रार्थना है कि जैविक खेती की ओर बढ़े पर खाद्य की कोई कमी कहीं नहीं है।
संघ ही हिंदुत्व और राष्ट्र का सबसे बड़ा रक्षक देवेंद्र फडणवीस के बयान को लेकर दिव्या सिंह के बयान पर पलटवार करते हुए उषा ठाकुर ने कहा कि यह हमारा अपना मामला है, जिस परिवार ने हम सबको प्रशिक्षित कर सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की आराधना करने के लिए भारतीय जनता पार्टी में भेजा। हम सब उसी के बताए मार्ग पर चलते हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ही हिंदुत्व और राष्ट्र का सबसे बड़ा रक्षक है।