Tax Rule Change : इनकम टैक्स से जुड़े 6 नियमों में कल बदलाव किया जाएगा, इसका फायदा सीधे तौर पर आम आदमी और कारोबारियों को होगा. टैक्स के नियमों में 1 अक्टूबर से बदलाव के बाद जीवन बीमा का प्रीमियम भरना और किराया देना भी सस्ता हो जाएगा.
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सरकार 1 अक्टूबर से आधार से जुड़े नियमों में भी बदलाव करने जा रही है. अब आधार इनरोलमेंट नंबर की जगह आधार नंबर डालना होगा. इसका मकसद ग्राहक से जुड़ी जानकारियों को जल्दी एक्सेस करना है, ताकि आधार से लिंक सर्विसेज में तेजी लाई जा सके और किसी भी तरह के दोहराव से भी बचा जा सके.
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सरकार स्रोत पर कर कटौती (TDS) नियमों में भी बदलाव कर रही और इसकी दरें घटाएगी. कई सेवाओं पर टीडीएस को 5 से घटाकर 2 फीसदी किया जाएगा. साथ ही सेक्शन 194F के तहत लगने वाले 20 फीसदी टीडीएस को भी समाप्त कर दिया जाएगा. अभी जीवन बीमा पॉलिसी के प्रीमियम भुगतान पर 5 फीसदी टीडीएस है, जो 2 फीसदी किया जाएगा. लॉटरी टिकट के कमीशन पर भी टीडीएस 5 से 2 फीसदी कर दिया जाएगा. किराये के भुगतान पर भी टीडीएस 5 से 2 फीसदी होगा. म्यूचुअल फंड के रीपर्चेजिंग पर भी टीडीएस 3 फीसदी घट जाएगा.
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फ्लोटिंग रेट सेविंग बॉन्ड या अन्य सरकारी प्रतिभूतियों पर अगर सालाना ब्याज 10 हजार से ज्यादा होगा तो इस पर टैक्स देना पड़ेगा. सरकार अब इस तरह के निवेश पर भी टैक्स वसूलने की तैयारी में है. यह बिलकुल एफडी जैसा होगा, जिस पर सालाना 40 हजार रुपये से ज्यादा का टैक्स मिलने पर टैक्स लगाया जाता है.
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सिक्योरिटीज के फ्यूचर में ट्रेडिंग करने वालों को सिक्योरिटी ट्रांजेक्शन टैक्स अब 0.02 फीसदी चुकाना होगा, जबकि ऑप्शन में ट्रेडिंग करने वालों को 0.1 फीसदी की दर से चुकाना होगा.
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कंपनी के शेयर बायबैक करने पर 1 अक्टूबर से सरकार इसका फायदा पाने वाले निवेशक से टैक्स वसूलेगी, जबकि अभी तक इसका भुगतान बायबैक करने वाली कंपनी को करना पड़ता था. जाहिर है कि शेयर बायबैक में शामिल होने वाले निवेशकों पर इसका बोझ बढ़ने वाला है.
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विवाद से विश्वास योजना को एक बार फिर सरकार 1 अक्टूबर से लागू कर रही है. इसके तहत टैक्स विवाद को निपटाने में तेजी लाई जाएगी. योजना के इस दूसरे संस्करण में पुराने आवेदकों की तुलना में अब ज्यादा छूट दी जाएगी. सरकार ने 31 दिसंबर से पहले इसमें आवेदन करने वालों को ज्यादा लाभ देने की बात भी कही है.