करोड़ों रुपए के टैक्स पर सुप्रीम कोर्ट से कांग्रेस के लिए आई अच्छी खबर! दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश पर उठे सवाल
नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट के उस फैसले पर सवाल उठाया है, जिसमें कांग्रेस पार्टी को 100 करोड़ रुपये से अधिक के बकाया की वसूली के लिए आयकर मांग नोटिस पर रोक लगाने के वास्ते आयकर अपीलीय अधिकरण (आईटीएटी) का रुख करने को कहा गया था. न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना और न्यायमूर्ति एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने उच्च न्यायालय के 13 मार्च के आदेश के खिलाफ कांग्रेस की याचिका पर नोटिस जारी किया. हालांकि, शीर्ष अदालत ने कहा कि अधिकरण राजनीतिक दल की अपील पर सुनवाई कर सकता है.
पीठ ने कहा, “हाईकोर्ट अधिकरण के आदेश के खिलाफ अपील किये जाने पर याचिकाकर्ता (कांग्रेस) को कैसे कह सकता है कि वह वापस अधिकरण के पास जाए? हाईकोर्ट अपने अधिकार क्षेत्र का प्रयोग न करने में सही नहीं था.” आयकर विभाग की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एन वेंकटरमण ने न्यायालय को बताया कि बकाया राशि की वसूली पहले ही हो चुकी है.
कांग्रेस की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा ने दलील दी कि हाईकोर्ट को अपने अधिकार क्षेत्र का उपयोग करना चाहिए था और मांग नोटिस पर अंतरिम रोक लगानी चाहिए थी. इसके बाद, पीठ ने आयकर विभाग को नोटिस जारी किया और कहा, “इस विशेष अनुमति याचिका का लंबित रहना अधिकरण के समक्ष याचिका पर निर्णय करने में इसके आड़े नहीं आएगा.” आयकर विभाग द्वारा जारी नोटिस पर रोक लगाने से अधिकरण के इनकार आदेश में हस्तक्षेप करने से हाईकोर्ट ने 13 मार्च को मना कर दिया था.
हालांकि, हाईकोर्ट ने राजनीतिक दल को रोक के लिए एक नई अर्जी के साथ आयकर अपीलीय अधिकरण में जाने की छूट प्रदान की, जिसमें परिस्थितियों में आये परिवर्तन को उसके संज्ञान में लाया जाए. उसमें यह भी शामिल है कि आयकर विभाग द्वारा बैंक ड्राफ्ट भुनाने के जरिये 65.94 करोड़ रुपये की राशि पहले ही प्राप्त की जा चुकी है.
हाईकोर्ट ने आदेश दिया था, “जबकि हमने उक्त आदेश में हस्तक्षेप करने का कोई आधार नहीं पाया, हम रिट याचिका का निस्तारण करते हुए याचिकाकर्ता को एक नई अर्जी के जरिये आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण में जाने की छूट प्रदान करते हैं, जिसमें उपरोक्त परिस्थितियों में हुए परिवर्तन को उसके ध्यान में लाया जाए. यदि ऐसी कोई अर्जी दायर की जाती है, तो आयकर अपीलीय अधिकरण द्वारा उस पर शीघ्रता से विचार किया जा सकता है.”
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FIRST PUBLISHED :
August 20, 2024, 23:25 IST