Saturday, March 1, 2025
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Home 18 गुना कम नेटवर्थ कंपनियों को आवंटित की स्पोर्टस सिटी:CAG ने उठाई थी आपत्ति, 15 साल बाद भी योजना अधूरी, कोर्ट का आदेश सीबीआई और ईडी करे जांच

18 गुना कम नेटवर्थ कंपनियों को आवंटित की स्पोर्टस सिटी:CAG ने उठाई थी आपत्ति, 15 साल बाद भी योजना अधूरी, कोर्ट का आदेश सीबीआई और ईडी करे जांच

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सीएजी की रिपोर्ट के आधार पर ही स्पोर्टस सिटी में वित्तीय अनियमितता सामने आई थी। अब इस मामले में सीबीआई और ईडी जांच करने जा रही है।

नोएडा में जिस स्पोर्टस सिटी योजना के नाम पर बिल्डरों को भूखंड आवंटित किया गया। उनकी नेट वर्थ और टर्न ओवर दोनों ही इतनी नहीं थी कि भूखंड का आवंटन किया जा सके। सीएजी ने स्पष्ट किया कि आवंटन के लिए प्रस्तावित लैंड का दाम नेट वर्थ के मापदंड का 10 से 18 ग

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नोएडा में बनी स्पोर्टस सिटी में बने सिर्फ फ्लैट

नोएडा में बनी स्पोर्टस सिटी में बने सिर्फ फ्लैट

प्राधिकरण ने नेट वर्थ और टर्न ओवर किया कम सीएजी ने अपनी रिपोर्ट में इसका जिक्र करते हुए बताया कि योजना के नियम और शर्त तैयार करने के लिए सलाहकार कंपनी ग्रॉट थार्नटन ने बताया था कि योजना के अनुरूप सिर्फ वहीं कंपनियां आवेदन कर सकती है। जिनकी नेट वर्थ करीब 100 करोड़ और टर्न ओवर 400 करोड़ होगा। सीएजी ने कहा कि नोएडा की इस योजना में 2011 के दौरान सेक्टर-78,79,150 में नेट वर्थ और टर्न ओवर की शर्त को कम करते हुए 100 से 80-125 करोड़ और 400 करोड़ से कम कर 200 करोड़ कर दिया गया। जबकि सलाहकार कंपनी में दस्तावेज में बताया था कि खेलकूद सुविधाओं के विकास के लिए अनुमानित लागत करीब 410 करोड होगी। ऐसे में न्यूनतम टर्नओवर 400 करोड़ से 200 करोड़ करना तर्क संगत नहीं था।

सेक्टर-6 स्थित नोएडा प्राधिकरण का प्रशासनिक खंड का कार्यालय

सेक्टर-6 स्थित नोएडा प्राधिकरण का प्रशासनिक खंड का कार्यालय

प्रस्तावित भूमि की लागत से 18 गुना कम सीएजी ने बताया कि एससी- 01 सेक्टर-78,79 में आवंटित की जाने वाले जमीन की कीमत करीब 836.62 करोड़ थी। इसी तरह एससी-02 सेक्टर-150 में जमीन की कीमत 2263.80 करोड़ थी। ऐसे में अलग-अलग सेक्टर में 80 से 125 करोड़ नेटवर्थ का मापदंड अपर्याप्त था। यही नहीं प्रस्तावित भूमि की लागत का नेटवर्थ मापदंड 10 से 18 गुना था। यही नहीं सलाहकार कंपनी की ओर से खेलकूद की अनुमानित लागत को इंगित किया था। इसके बाद भी नोएडा प्राधिकरण ने न्यूनतम नेटवर्थ और टर्न ओवर को नहीं बढ़ाया।

प्राधिकरण ने आर्थिक मंदी को बनाया आधार इसके जवाब में प्राधिकरण ने सीएजी को बताया कि 2008 के आरंभ में स्पोर्टस सिटी योजना में कोई भी आवेदन नहीं आया था। ऐसे में सलाहकार कंपनी ने ही टर्नओवर और नेटवर्थ में आंशिक संशोधन योजना को और लुभावना बनाने के लिए कहा था। उस समय आर्थिक मंदी का प्रभाव भी था। ऐसे में सीईओ ने नेटवर्थ 80 करोड़ और टर्न ओवर 200 करोड़ करने का निश्चित किया गया। जिसे बोर्ड में पास किया गया।

इलाहबाद हाइकोर्ट ने इस मामले की जांच अब सीबीआई और ईडी से कराने के आदेश दिए

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इस आधार को सीएजी ने किया खारिज प्राधिकरण के इस जवाब में सीएजी ने कहा कि योजना को अधिक आकर्षक बनाने के लिए नेट वर्थ और टर्नओवर मापदंड में छूट बिना आधार के थी , सलाहकार की संस्तुति के विपरीत थी। क्योंकि परियोजनाओं के विकास के लिए और अधिक निवेश की आवश्यकता थी। इसलिए वित्तीय स्थिति वाले आवेदकों को इसमें सम्मिलित किया जाना चाहिए थ। साथ ही आर्थिक मंदी का समय 2009 से 2011 था इसलिए मापदंड को शिथिल करने का लिए आर्थिक मंदी का आधार गलत है।

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