ग्वालियर: कांग्रेस नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने गुरुवार को RSS प्रमुख मोहन भागवत की ‘स्वतंत्रता’ पर टिप्पणी की निंदा की। उन्होंने कहा कि मोहन भागवत को माफी मांगनी चाहिए, क्योंकि उन्होंने देश के लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाया है। सिंह ने ज्योतिरादित्य सिंधिया पर भी निशाना साधा है।
दिग्विजय सिंह ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि मोहन भागवत ने महात्मा गांधी का अपमान किया, जिन्होंने अपना जीवन स्वतंत्रता संग्राम के लिए समर्पित कर दिया। जवाहरलाल नेहरू, सरदार वल्लभभाई पटेल… और उन सभी लोगों का जिन्होंने देश की आजादी में योगदान दिया। यह उन सभी का अपमान है, जिन्होंने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान कष्ट झेले। मोहन भागवत ने उनका अपमान किया है और उन्हें इसके लिए माफी मांगनी चाहिए।
मोहन भागवत ने क्या कहा था?
दरअसल, मोहन भागव ने इंदौर में एक कार्यक्रम में कहा था कि भारत को सच्ची आजादी उस दिन मिली जिस दिन राम मंदिर का अभिषेक हुआ। हमारी 5000 साल पुरानी परंपरा क्या है? वह जो भगवान राम, भगवान कृष्ण और भगवान शिव से शुरू हुई। भारत की सच्ची आजादी, जिसने कई शताब्दियों तक उत्पीड़न का सामना किया, राम मंदिर के ‘प्राण प्रतिष्ठा’ समारोह के दिन स्थापित हुई। भारत को आजादी मिल गई थी लेकिन यह स्थापित नहीं हुई थी।
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केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया पर साधा निशाना
दिग्विजय सिंह ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के बयान पर कहा कि सिंधिया जी एक उदाहरण बता दीजिए, जब मैंने स्वर्गीय माधवराव सिंधिया के खिलाफ कुछ बोला हो। माधवराव सिंधिया को मैं और अर्जुन सिंह कांग्रेस में लेकर आए थे। ज्योतिरादित्य सिंधिया मेरे बेटे के समान हैं। अब वह हमारी पार्टी से बाहर निकल कर चले गए हैं, इसलिए आज उल्टी बात कर रहे हैं। सिंधिया जी कांग्रेस में रहते हुए कहते थे, बीजेपी ISI और पाकिस्तान का सहयोग करती है। अब वह उस पार्टी में शामिल हो गए तो ऐसी बातें करते हैं। दिग्विजय सिंह ने सौरभ शर्मा केस पर भी बड़ा बयान दिया। उन्होंने पूछा कि आखिर सौरभ शर्मा कहां है? वह ग्वालियर का है उसे ढूंढ कर लाए सरकार।