Sunday, January 19, 2025
Home कैरी बैग के 18 रुपये वसूलना पड़ा भारी, V Mart पर कंज्यूमर कोर्ट ने लगाया 35,000 रुपये का जुर्माना

कैरी बैग के 18 रुपये वसूलना पड़ा भारी, V Mart पर कंज्यूमर कोर्ट ने लगाया 35,000 रुपये का जुर्माना

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नई दिल्‍ली: लखनऊ के वी मार्ट (V Mart) को कैरी बैग के लिए ग्राहक से ज्‍यादा पैसे वसूलना भारी पड़ा है। मामले में उपभोक्ता अदालत ने वी मार्ट पर 35,000 रुपये का जुर्माना लगाया है। साथ ही, ग्राहक को कैरी बैग के 18 रुपये भी वापस करने का आदेश दिया है। यह फैसला ग्राहक के हक में आया है। ग्राहक ने वी मार्ट से खरीदारी के दौरान कैरी बैग के लिए 18 रुपये चुकाए थे। ग्राहक ने इसे गलत मानकर उपभोक्ता अदालत में केस दर्ज किया था। कोर्ट ने माना कि ग्राहकों पर कैरी बैग का शुल्क जबरन नहीं थोपा जा सकता। इस जुर्माने में ग्राहक को हुए मानसिक और आर्थिक नुकसान का मुआवजा और अदालती खर्च शामिल हैं। यह फैसला ग्राहकों के अधिकारों के लिए मिसाल बन गया है।

यह मामला लखनऊ के वी मार्ट का है, जहां एक ग्राहक ने खरीदारी का सामान ले जाने के लिए कैरी बैग मांगा। स्टोर ने ग्राहक से कैरी बैग के लिए 18 रुपये वसूल लिए। इसे ग्राहक ने अनुचित माना। ग्राहक ने वकील शशिकांत शुक्ला के जरिये उपभोक्ता अदालत में शिकायत दर्ज कराई। शिकायत में ग्राहक ने बताया कि वी मार्ट ने उससे जबरन कैरी बैग के पैसे वसूले।

ग्राहक के पक्ष में सुनाया फैसला

उपभोक्ता अदालत ने मामले की सुनवाई की। ग्राहक के पक्ष में फैसला सुनाया। कोर्ट ने कहा कि दुकानदार ग्राहकों से सामान के दाम के अलावा कैरी बैग के लिए अलग से पैसे नहीं मांग सकते। ऐसा करना ग्राहकों के अधिकारों का हनन है। अदालत ने वी मार्ट को ग्राहक के 18 रुपये वापस करने और 35,000 रुपये का जुर्माना देने का आदेश दिया। इस 35,000 रुपये के जुर्माने में 25,000 रुपये मानसिक और शारीर‍िक कष्ट और 10,000 रुपये अदालती खर्च के शामिल हैं। कोर्ट ने यह भी कहा है क‍ि आदेश के 45 द‍िन के भीतर भुगतान नहीं क‍िया गया तो देय राश‍ि पर 12 फीसदी का अ‍त‍िर‍िक्‍त भुगतान देना होगा।

फैसले की कॉपी

Penalty Order

दुकानदारों के ल‍िए चेतावनी

कोर्ट का यह फैसला अन्य दुकानदारों के लिए भी चेतावनी है कि वे ग्राहकों से बेवजह पैसे न वसूलें। यह ग्राहकों को भी जागरूक करता है कि वे अपने अधिकारों के लिए आवाज उठाएं। अगर कोई दुकानदार उनसे जरूरत से ज्‍यादा पैसे मांगता है तो वे उपभोक्ता अदालत का दरवाजा खटखटा सकते हैं।

यह मामला दिखाता है कि कैसे एक छोटी सी रकम के लिए भी लड़ाई लड़कर जीती जा सकती है। यह ग्राहकों को अपने अधिकारों के प्रति सजग रहने की प्रेरणा देता है। इससे सबक है कि ग्राहक चुपचाप न रहकर किसी भी तरह के शोषण के खिलाफ आवाज उठाएं। वी मार्ट पर लगाया गया जुर्माना दूसरे दुकानदारों को ग्राहकों के साथ सही व्यवहार करने के लिए प्रेरित करेगा। यह फैसला ग्राहकों के लिए एक बड़ी जीत है।

अमित शुक्‍ला

लेखक के बारे में

अमित शुक्‍ला

पत्रकारिता और जनसंचार में पीएचडी की। टाइम्‍स इंटरनेट में रहते हुए नवभारतटाइम्‍स डॉट कॉम से पहले इकनॉमिकटाइम्‍स डॉट कॉम में सेवाएं दीं। पत्रकारिता में 15 साल से ज्‍यादा का अनुभव। फिलहाल नवभारत टाइम्स डॉट कॉम में असिस्‍टेंट न्‍यूज एडिटर के रूप में कार्यरत। टीवी टुडे नेटवर्क, दैनिक जागरण, डीएलए जैसे मीडिया संस्‍थानों के अलावा शैक्षणिक संस्थानों के साथ भी काम किया। इनमें शिमला यूनिवर्सिटी- एजीयू, टेक वन स्कूल ऑफ मास कम्युनिकेशन, माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय (नोएडा) शामिल हैं। लिंग्विस्‍ट के तौर पर भी पहचान बनाई। मार्वल कॉमिक्स ग्रुप, सौम्या ट्रांसलेटर्स, ब्रह्मम नेट सॉल्यूशन, सेंटर फॉर सिविल सोसाइटी और लिंगुअल कंसल्टेंसी सर्विसेज समेत कई अन्य भाषा समाधान प्रदान करने वाले संगठनों के साथ फ्रीलांस काम किया। प्रिंट और डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म में समान रूप से पकड़। देश-विदेश के साथ बिजनस खबरों में खास दिलचस्‍पी।… और पढ़ें

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