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CDS Gen Anil Chauhan: सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने इंडियन आर्मी और मॉडर्न वॉर को लेकर महत्वपूर्ण बात कही है. उन्होंने कहा कि भारतीय सेना को आधुनिक युद्ध के लिए हर तरह से तैयार होना पड़ेगा.
नई दिल्ली. भारत की सीमाएं एक तरफ चीन तो दूसरी तरफ पाकिस्तान जैसे देशों से लगती हैं. इसके साथ ही अशांत म्यामांर और बांग्लादेश जैसे देशों से भी हमारा बॉर्डर लगता है. हालात को देखते हुए सीमा की सुरक्षा बेहद जरूरी हो जाता है. बॉर्डर सिक्योरिटी में इंडियन आर्मी की भूमिका काफी अहम है. चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने आर्मी के महत्व को एक बार फिर से बताया है. उन्होंने आगे कहा कि आधुनिक युद्ध तेजी से बदल रहा है और भारतीय सेना को अपने प्रतिद्वंद्वियों से आगे रहने के लिए नई तकनीकों और रणनीतियों से लैस होना पड़ेगा. सीडीएस जनरल चौहान ने बुधवार को ये बातें कहीं.
सेना दिवस के अवसर पर अपने संदेश में जनरल चौहान ने कहा कि अविजित भावना और पेशेवरता सेना की पहचान है और इसे भारत की सुरक्षा और एकता की नींव के रूप में वर्णित किया. चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ ने कहा कि भारतीय सेना की विरासत उसकी चुनौतियों के अनुकूल होने, संप्रभुता की रक्षा करने और राष्ट्र की निस्वार्थ सेवा करने की विश्वसनीय क्षमता पर आधारित है. उन्होंने कहा, ‘भारतीय सेना के कर्मियों के उच्च स्तर की तत्परता बनाए रखने, संचालन के क्षेत्रों में उत्कृष्टता प्राप्त करने और सभी परिस्थितियों में हमारे नागरिकों की सुरक्षा और भलाई सुनिश्चित करने के निरंतर प्रयास सराहनीय हैं.’
मॉडर्न टेक्नोलॉजी
युद्ध की बदलती गतिशीलता और प्रौद्योगिकी के बढ़ते उपयोग पर जोर देते हुए जनरल चौहान ने कहा कि आधुनिक युद्ध तेजी से विकसित हो रहा है, जो प्रौद्योगिकी में प्रगति और बदलते भू-राजनीतिक गतिशीलता से प्रेरित है. उन्होंने कहा कि संघर्ष तेजी से नए क्षेत्रों में फैल रहे हैं, जिनमें साइबर, अंतरिक्ष और संज्ञानात्मक क्षेत्र शामिल हैं. उन्होंने कहा, ‘नई तकनीकें और अवधारणाएं जैसे कृत्रिम बुद्धिमत्ता द्वारा संचालित स्वचालन और डेटा केंद्रित आर्किटेक्चर, स्टील्थ और हाइपरसोनिक तकनीकों द्वारा सशक्त गति केंद्रित युद्ध, और स्वायत्त वाहनों द्वारा संचालित रोबोटिक्स भविष्य के युद्धों को बदल रहे हैं.’
आधुनिक तकनीक अपनाने की जरूरत
जनरल चौहान ने कहा कि भारतीय सेना को तकनीकी रूप से अनुकूलित और लैस होने की आवश्यकता है और अपने प्रतिद्वंद्वियों से आगे रहने के लिए अपनी रणनीतियों और तकनीकों को लगातार उन्नत करना होगा. उन्होंने कहा कि कर्मियों को उच्च तकनीकी ज्ञान से सशक्त बनाना और उन्नत सूचना और संचार प्रौद्योगिकी का समावेश करना समय की आवश्यकता है. उन्होंने उन सेना कर्मियों के प्रति भी आभार व्यक्त किया जिन्होंने कर्तव्य की पंक्ति में सर्वोच्च बलिदान दिया. चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ ने कहा, ‘इस विशेष दिन को चिह्नित करते हुए हर सैनिक को सेना की गौरवशाली परंपराओं को बनाए रखने का संकल्प लेना चाहिए, जबकि भविष्य की चुनौतियों का दृढ़ता और गर्व के साथ सामना करना चाहिए.’ उन्होंने कहा, ‘सेना हमारे मातृभूमि को अधिक सफलता और गौरव दिलाती रहे और राष्ट्र निर्माण की दिशा में अटूट योगदान देती रहे.’
Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
January 15, 2025, 23:25 IST