Sunday, January 19, 2025
Sunday, January 19, 2025
Home देश जैसलमेर के रेगिस्तान में कैसे फूटी तेज जलधारा, क्या यह आर्टिसियन कुंआ था?

जैसलमेर के रेगिस्तान में कैसे फूटी तेज जलधारा, क्या यह आर्टिसियन कुंआ था?

by
0 comment

जैसलमेर के रेगिस्तान में कैसे फूटी तेज जलधारा, क्या यह आर्टिसियन कुंआ था? जानें क्या कहते हैं वैज्ञानिक

हिंदी समाचार

/

न्यूज

/

राजस्थान

/

जैसलमेर के रेगिस्तान में कैसे फूटी तेज जलधारा, क्या यह आर्टिसियन कुंआ था? जानें क्या कहते हैं वैज्ञानिक

जैसलमेर के रेगिस्तान में कैसे फूटी तेज जलधारा, क्या यह आर्टिसियन कुंआ था? जानें क्या कहते हैं वैज्ञानिक

जैसलमेर. पश्चिमी राजस्थान में भारत-पाकिस्तान की सीमा पर बसे जैसलमेर के रेतीले धोरों में फूटी जलधारा ने सबको हैरान कर रखा है. जैसलमेर के मोहनगढ़ इलाके में ट्यूबवैल खोदते समय धरती फाड़कर निकले पानी की वजह आखिर क्या थी? क्या यह आर्टिसियन कुंआ था या फिर कोई और वजह थी. हालांकि इसका अभी तक कोई कारण सामने नहीं आ पाया है लेकिन इसे आर्टिसियन कुंआ भी माना जा रहा है. इसके पीछे कई तरह के तर्क दिए जा रहे हैं. इस पूरी घटना की वैज्ञानिक जांच की भी बात की जा रही है. यह मामला बीते पांच छह दिन से न केवल राजस्थान बल्कि देशभर में चर्चा का विषय बना हुआ है.

जैसलमेर में बीते सप्ताह बीजेपी के मंडल अध्यक्ष विक्रम सिंह भाटी के खेत में ट्यूबवैल के लिए ड्रिलिंग चल रही थी. उसी दौरान 28 दिसंबर को सुबह करीब पांच बजे अचानक वहां से पानी का तेज फव्वारा फूटा. पानी के इस फव्वारे की स्पीड इतनी जबर्दस्त थी कि वह तीन चार फीट की हाइट तक उछाल मारता रहा. यह सिलसिला कोई दो या चार घंटे नहीं चला था बल्कि पूरे 50 घंटे तक उसी स्पीड से वहां से पानी निकलता रहा. उसके बाद देशभर में चर्चा का विषय बने इस मसले पर बहस छिड़ गई. इसके तार लुप्त हो चुकी सरस्वती नदी से लेकर कई बातों से जोड़े जाने लगे.

जैसलमेर के धोरों में ट्यूबवैल खोदते ही फट पड़ी जमीन, पानी ने लगाया 3 से 4 फीट का जोरदार जम्प

आर्टिसियन कुंए में पानी प्राकृतिक दबाव से ऊपर आ जाता है
इस बारे में द प्रिंट में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक इसके आर्टिसियन कुंआ होने की संभावना ज्यादा है. इस बारे में राजस्थान के भूजल विभाग के वरिष्ठ भूजल विज्ञानी नारायणदास इनख्यिा के अनुसार आर्टिसियन कुंआ वह होता है जहां पानी बिना पंपिंग के प्राकृतिक दबाव से बहता है और सतह पर आ जाता है. इसे फव्वारी कुंआ भी कहा जाता है. तरह के कुएं में में पानी अभेद्य चट्टान या मिट्टी की परत के नीचे सीमित होता है. लेकिन जब इस सीमित इलाके में कोई कुंआ खोदा जाता है तो उसमें छेद हो जाने से प्राकृतिक दबाव से पानी जमीन से ऊपर आता है. संभवतया मोहनगढ़ में भी ऐसा ही हुआ है.

जैसलमेर के रेगिस्तान में धरती फाड़कर निकला उछलता हुआ पानी, 50 घंटों में ला दिया सैलाब, हैरान रह गए लोग

इसका सरस्वती नदी को कोई लिंक नजर नहीं आता है
रिपोर्ट के मुताबिक संभवतया ड्रिलिंग के दौरान जमीन के भीतर बलुआ पत्थर की दीवार में टूट गई या फिर उसमें कोई छेद हो गया और पानी प्रेशर के साथ सतह पर आ गया. इसका सरस्वती नदी को कोई लिंक नजर नहीं आता है. नॉर्थ ईस्ट इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी के निदेशक वीरेन्द्र एम तिवारी भी इसी तर्क से सहमत नजर आते हैं. उनके अनुसार जैसलमेर में भी ड्रिलिंग के दौरान जमीन में दबे समिति जलभृत (पानी का क्षेत्र) में छेद होने से ऐसा हो सकता है.

आने वाले समय में वैज्ञानिक इस स्पॉट की जांच करेंगे
इस पूरे घटनाक्रम को लेकर केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह कहते हैं कि आने वाले समय में वैज्ञानिक इस स्पॉट की जांच करेंगे. इसकी वास्तविकता का पता लगाने के लिए सर्वे की विचार किया जाएगा. आज हमारे पास भी ऐसे उपकरण है जिनकी सहायता से किसी भी सतह को स्कैन किया जा सकता है. जरुरत पड़ी तो उस पर भी विचार किया जा सकता है.

Tags: Big news, Water Resources

FIRST PUBLISHED :

January 2, 2025, 13:08 IST

You may also like

Leave a Comment

About Us

Welcome to janashakti.news/hi, your trusted source for breaking news, insightful analysis, and captivating stories from around the globe. Whether you’re seeking updates on politics, technology, sports, entertainment, or beyond, we deliver timely and reliable coverage to keep you informed and engaged.

@2024 – All Right Reserved – janashakti.news/hi

Adblock Detected

Please support us by disabling your AdBlocker extension from your browsers for our website.