क्या हमारे पास जगह नहीं, हम अपना सोना बैंक विदेश में क्यों रखते हैं, क्या आरबीआई देता है इसका किराया
हाइलाइट्स
भारत के पास करीब 823 टन सोने का भंडार है. 2024 में भारत ने दो बार इंग्लैंड से सोना मंगाया है. विदेश में सोना रखने के लिए किराया देना पड़ता है.
नई दिल्ली. खबर है कि रिजर्व बैंक ने धनतेरस पर फिर इंग्लैंड से करीब 102 टन सोना मंगा लिया है. इससे पहले भी रिजर्व बैंक ने मई में करीब 100 टन सोना इंग्लैंड से भारत मंगाया था. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर भारत अपना सोना विदेश में क्यों रखता है, जबकि उसके पास जगह की कोई कमी नहीं है. दूसरी बात ये है कि क्या आरबीआई को अपना सोना विदेश में रखने के लिए किराया भी चुकाना पड़ता है. आज हम आपको इन सभी सवालों के सिलसिलेवार ढंग से जवाब देते हैं.
सबसे पहले बात करते हैं कि हमारा कितना सोना विदेशों में जमा है. मार्च, 2024 में जारी आरबीआई की रिपोर्ट के अनुसार भारत के पास करीब 822 टन सोना है. इसमें से 300 टन के करीब सोना भारत में ही रखा हुआ है, जबकि इंग्लैंड और स्विट्जरलैंड में बाकी 500 टन सोना रखा था. लेकिन, पहले मई में आरबीआई ने 100 टन सोना इंग्लैंड से मंगाया और अब धनतेरस पर फिर 102 टन सोना इंग्लैंड से मंगा लिया है.
विदेश में क्यों रखता है सोना
भारत देश में अपना सोना मुंबई और नागपुर स्थित वॉल्ट में रखता है, जबकि विदेश में बैंक ऑफ इंग्लैंड, स्विटजरलैंड और अमेरिका के फेडरल बैंक में अपना सोना जमा किया है. विदेश में सोना रखने का मकसद विदेशी लेनदेन में आसानी होने के साथ इसकी सुरक्षा से भी जुड़ा है. इंग्लैंड के पास सोने की सुरक्षा का लंबा अनुभव है और अमेरिका व स्विट्जरलैंड को भी इस मामले में बेहतर माना जाता है.
कितना किराया देता है भारत
विदेश में रखा सोना वापस भारत मंगाने की दो वजहें बताई जा रही हैं. एक तो ग्लोबल इकनॉमी और युद्ध के खतरे को देखते हुए भारत पहले ही अपने सोने को वापस देश में मंगाना चाहता है. दूसरा कारण है इस सोने की सुरक्षा पर लगने वाला खर्च. भारत को अपना सोना सुरक्षित रखने के लिए हर साल मोटा किराया देना पड़ता है. अनुमान है कि बैंक ऑफ इंग्लैंड को ही हर साल करीब 1 करोड़ डॉलर सोने की हिफाजत के लिए देने पड़ते हैं. इसी तरह, अमेरिका और स्विटजरलैंड भी भारत से मोटा किराया वसूलते हैं.
कभी भारत को गिरवी रखना पड़ा था सोना
यह बात साल 1991 की है, जब भारत का विदेशी मुद्रा भंडार लगभग खाली हो गया था. तब भारत को अपना आयात खर्च चलाने के लिए इंग्लैंड के पास कई टन सोना गिरवी रखना पड़ा था. इसके बदले भारत ने 40.5 करोड़ डॉलर का उधार लिया था. हालांकि, बाद में आर्थिक हालात ठीक होने के बाद भारत ने अपना गिरवी रखा सोना वापस ले लिया था. आज भारत गोल्ड रिजर्व के मामले में दुनिया में नौवें नंबर पर आ गया है.
Tags: Business news, Gold investment, Gold price, Reserve bank of india
FIRST PUBLISHED :
October 30, 2024, 13:21 IST