सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को मुख्तार अंसारी के बेटे और मऊ विधायक अब्बास अंसारी को दो मामलों में जमानत दी है। अब्बास को मनी लॉन्ड्रिंग केस के साथ ही चित्रकूट जेल में मोबाइल रखने के मामले में जमानत दी है। हालांकि, गैंगस्टर मामले में जमानत नहीं मिली। इस
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जानिए पूरा मामला मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अब्बास अंसारी को 18 नवंबर 2022 को नैनी जेल से चित्रकूट जिला कारागार लाया गया था। चित्रकूट जेल में पत्नी से गैरकानूनी तरीके से मुलाकात करने वाले माफिया मुख्तार अंसारी के विधायक बेटे अब्बास अंसारी समेत पांच लोगों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की गई थी।
विधायक अब्बास के अलावा मुलाकात में मददगार रहे सपा नेता, जेल कैंटीन ठेकेदार, निखत के चालक और खाते में पैसा भेजने वाले पर मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने जांच शुरू कर दी थी। यहां पर उसकी पत्नी निखत को 10 फरवरी 2023 को डीएम अभिषेक आनंद और तत्कालीन एसपी वृंदा शुक्ला ने छापेमारी कर गिरफ्तार किया था। वह गैरकानूनी तरीके से जेल में पति से मुलाकात कर रही थी।
इनके खिलाफ दर्ज हुआ था मुकदमा इस मामले में जेल अधीक्षक, डिप्टी जेलर, वार्डर के अलावा अन्य मददगार गिरफ्तार हुए थे। इनमें कुछ लोग जमानत पर जेल से बाहर आ चुके हैं। पुलिस ने इस मामले में अब्बास, कैंटीन ठेकेदार कर्वी निवासी नवनीत सचान, निखत के चालक नियाज अंसारी, सपा नेता फराज खां और खातों में पैसा ट्रांसफर करने वाले वाराणसी के शहबाज आलम खां के विरुद्ध गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया था।
1 साल पहले अब्बास अंसारी और उनके सहयोगियों पर गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की गई थी। जिसे इलाहाबाद हाईकोर्ट ने निराधार बताते हुए खारिज कर दिया था। अगस्त में चित्रकूट कोतवाली में अब्बास अंसारी समेत पांच अन्य के खिलाफ फिर से गैंगस्टर की कार्रवाई की। पुलिस के अनुसार, मामला एक व्यापारी से फिरौती मांगने और धमकाने से जुड़ा है।
कासगंज जेल में बंद हैं अब्बास जेल प्रकरण के बाद अब्बास अंसारी को चित्रकूट जेल से कासगंज जेल भेज दिया गया था, लेकिन उन पर चल रहे कई अन्य मामलों की जांच अब भी जारी है। अब्बास अंसारी के वकील का कहना है कि चित्रकूट गैंगस्टर प्रकरण में सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को सुनवाई होगी।