हाइलाइट्स
कैसे दोनों पहली बार चंडीगढ़ में मिले और फिर दोनों में हो गई पक्की दोस्ती लॉरेंस बिश्नोई उसको अपने भाई की तरह मानता है और गैंग के कामों में पूरा विश्वास करता हैगोल्डी कनाडा में बैठकर वहां से लेकर इंग्लैंड तक वसूली और अपराधों को भी अंजाम देता है
अहमदाबाद के साबरमती जेल में पुख्ता सुरक्षा में कैद लॉरेंल बिश्नोई ऐसा डॉन है, जिसने जेल में रहते हुए ही अपने गैंग के लोगों की संख्या बमुश्किल 30-40 से 700 पहुंचा ली. वो केवल भारत के कामों की सुपारी नहीं लेता बल्कि विदेशों में भी आपरेशन करता है. अब खतरनाक बन चुके गैंग में उसका सबसे खास आदमी गोल्डी बरार. जो गैंग के हर पुर्जे को घुमाता और कसता है. देश के लिए विदेश तक लॉरेंस की सुपारियों को अंजाम देता है. उसके लिए भर्ती करता है.
गोल्डी बरार कैसे लॉरेंस बिश्नोई से मिला, कैसे उसका इतना खास आदमी बन गया कि लॉरेंस उस पर आंख बंद करके विश्वास करता है. गोल्डी के बारे में माना जाता है कि वह कनाडा में बैठकर गैंग के सारे आपरेशंस देखता है. कई हाईप्रोफाइल क्राइम में लॉरेंस के साथ उसकी भागीदारी रही है.
गैंग में कई तरह की होती है गोल्डी की भूमिका
वैसे लॉरेंस बिश्नोई के गिरोह में गोल्डी बरार की भूमिका बहुआयामी है, वह हाई-प्रोफाइल अपराधों का खुल नेतृत्व करता है. अंतरराष्ट्रीय तौर पर वसूली और सुपारी को अंजाम देने का काम भी वह करता है. गैंग में नए लोगों की भर्ती भी उसके जरिए ही की जाती है. उसको गैंग में हर स्तर की सारी खबर होती है. ये कहा जाना चाहिए कि ये गैंग आधुनिक गैजेट्स का इस्तेमाल करता है. इसके पीछे लॉरेंस बिश्नोई के साथ गोल्डी का भी दिमाग है.
लॉरेंस बिश्नोई से गोल्डी बरार की मुलाकात चंडीगढ़ में कॉलेज के दिनों में हुई थी. उसके बाद दोनों में काफी घनिष्ठता हो गई.
विदेश से गैंग की सारी गतिविधियों को मैनेज करता है
गोल्डी बरार को पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या के पीछे कथित मास्टरमाइंड के रूप में भी जाना जाता है. वह कनाडा से विदेशों की सारी आपराधिक गतिविधियों को मैनेज करता है, जिसमें जबरन वसूली और अनुबंध हत्याएं शामिल हैं. कनाडा में रहने से वह विदेशों में गैंग के कामकाज और आपरेशन को चलाने का काम बखूबी कर पाता है.
हर आपरेशन की कमांड लॉरेंस से लेता है
अगर मुंबई में बाबा सिद्दीकी को मारा गया तो यकीन मानिए उसके शूटर्स को अरेंज, रणनीति और इस आपरेशन को अंजाम दिए जाने तक उस पर नजर रखने का काम गोल्डी बरार का ही रहा होगा. इन सारे काम के दौरान और आपरेशन को अंजाम दिए जाने के बाद वह इस सबकी सूचना अपने तरीके से लॉरेंस बिश्नोई तक पहुंचाता है और उससे कमांड लेता है.
भारत ने आतंकवादी घोषित कर रखा है
गोल्डी बरार मूसेवाला हत्या के अलावा जिन अन्य आपराधिक गतिविधियों में शामिल रहा है, जिसमें जबरन वसूली रैकेट और कई हत्याएं शामिल हैं. उसके आपराधिक रिकॉर्ड में कई राजनीतिक हस्तियों और छात्र नेताओं की हत्याओं में लिप्त होना शामिल रहा है. भारत सरकार ने उसे गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए)34 के तहत आतंकवादी घोषित किया है.
हिट है लॉरेंस और गोल्डी की जोड़ी
पूरे भारत में बिश्नोई के 700 से अधिक शूटरों का व्यापक नेटवर्क से लगातार काम लेना. उन्हें क्वार्डिनेट करने का काम बरार ही कनाडा से बैठकर करता है. कहना चाहिए अपराधी गैंग में इस तरह की जोड़ियां कम होती हैं, जो भरपूर तालमेल के साथ काम करती हैं. उसमें लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बरार की जोड़ी है. ऐसा लगता है कि दोनों के बीच भरपूर समझबूझ और विश्वास है.
गोल्डी बरार वो शख्स है, जो लॉरेंस बिश्नोई गैंग के जमीनी स्तर के सारे आपरेशंस को अंजाम दिलाने का काम करता है.
दोनों के काम बंटे हुए हैं
ये दोनों अलग तरह से गैंग संभालते हैं. अगर बिश्नोई वीओआईपी और वर्चुअल फोन नंबर जैसी उन्नत संचार तकनीकों का उपयोग करके जेल से गैंग को चलाता है और नजर रखता है तो बरार उसे जमीनी स्तर पर आपरेट करने और कराने का काम करता है. काम का इस तरह के विभाजन ने पिछले सालों में गैंग को बहुत मजबूत बना दिया है.
कॉलेज में मिले थे दोनों
लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बरार कथित तौर पर चंडीगढ़ में अपने कॉलेज के दिनों में मिले थे, जहां वे दोस्त बन गए. इसके बाद दोनों करीब करीब साथ ही अपराध की दुनिया में दाखिल हुए. दोनों ने आपस में जिस तरह की पार्टनरशिप तैयार की, उससे उन्होंने एक बड़ा आपराधिक नेटवर्क खड़ा किया.
बरार अब लॉरेंस बिश्नोई गिरोह का एक प्रमुख सदस्य है, जो बड़ी संख्या में शूटरों के साथ काम करता है. पूरे भारत में अपनी पहुँच का विस्तार कर चुका है.
पुलिस इंस्पेक्टर का बेटा
गोल्डी बरार का जन्म पंजाब के मुक्तसर जिले में सतविंदर सिंह के रूप में हुआ. बरार पंजाब पुलिस में पूर्व सहायक उप-निरीक्षक शमशेर सिंह का बेटा है. वह 2017 में छात्र वीजा पर कनाडा चला गया, शुरुआत में उसके खिलाफ कोई बड़ा आपराधिक आरोप नहीं था. अलबत्ता वह भारत में पिछले छोटे मोटे मामलों में जरूर फंसता रहा था.
हत्या समेत 50 से ज्यादा मामले
कनाडा जाने के बाद उसने वहीं रहकर लॉरेंस बिश्नोई गैंग के काम को आगे बढ़ाया. वह आपराधिक अंडरवर्ल्ड के दिग्गजों में शामिल हो गया. उसने लॉरेंस बिश्नोई गिरोह के संचालन को नियंत्रित किया. बरार को हत्या, जबरन वसूली और अवैध आग्नेयास्त्रों की तस्करी सहित 50 से अधिक आपराधिक मामलों में जोड़ा गया है. जब उसने 29 मई, 2022 को मूसेवाला की हत्या की जिम्मेदारी ली तो वह कुख्यात हो गया. युवा कांग्रेस नेता गुरलाल सिंह भुल्लर और डेरा अनुयायी प्रदीप सिंह कटारिया की हत्याओं में उसका नाम आ चुका है.
कनाडा में मोस्ट वांटेड लिस्ट में
वह बेशक कनाडा में रह रहा हो लेकिन वहां वह सबसे वांछित अपराधियों में सूचीबद्ध है. उसके खिलाफ इंटरपोल ने रेड नोटिस जारी किया हुआ है. रिपोर्ट्स बताती हैं कि पकड़े जाने से बचने के लिए वह संयुक्त राज्य अमेरिका चला गया होगा.
Tags: Gangster Lawrence Vishnoi, Lawrence Bishnoi
FIRST PUBLISHED :
October 14, 2024, 16:39 IST