मुंबई : महाराष्ट्र गृहनिर्माण क्षेत्र विकास प्राधिकरण (म्हाडा) ने विधानसभा चुनाव से पहले घरों की लॉटरी जारी करने की जल्दबाजी में लॉटरी विजेताओं की तकलीफ बढ़ा दी है। दरअसल, म्हाडा अपने ही बनाए नियम भूल गई है। अब इसका खामियाजा मुंबई बोर्ड के लॉटरी विजेताओं को भुगतना पड़ेगा। लॉटरी जीतने के बाद भी विजेताओं को घरों का पजेशन लेने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ सकता है।
पिछली सरकार के दौरान म्हाडा ने केवल तैयार घरों को ही लॉटरी में शामिल करने का निर्णय लिया था, ताकि लॉटरी जारी होने के बाद जल्द विजेताओं को घर का पजेशन दिया जा सके।
अधूरे बने हैं म्हाडा के घर
8 अक्तूबर को जारी होने वाली मुंबई बोर्ड की लॉटरी में शामिल अधिकांश घरों का निर्माण कार्य अधूरा होने या बिल्डिंग को ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट (ओसी) प्राप्त नहीं है। मुंबई बोर्ड की लॉटरी में 2030 घरों का शामिल किया गया है। 2030 घरों में से करीब 1500 घर या तो पूरी तरह से तैयार नहीं है या उनको ओसी नहीं मिली है। निर्माण कार्य पूरा नहीं होने की वजह से 8 अक्टूबर को लॉटरी में जगह बनाने वाले भाग्यशाली विजेताओं को घरों की चाभी प्राप्त करने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ सकता है। 2030 घरों की लॉटरी प्रक्रिया अगस्त से चल रही है। म्हाडा के घरों को अपना घर बनाने के लिए 1.13 लाख आवेदकों ने आवेदन किया है।
क्यों पड़ी थी जरूरत
लोगों का घरों का सपना पूरा करने के लिए म्हाडा ने पिछले कुछ सालों में लाखों घरों का निर्माण किया है। लेकिन निर्माण कार्य पूरा नहीं होने या बिल्डिंग को ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट (ओसी) नहीं मिलने के कारण पिछली कई लॉटरी के विजेताओं को घर का पजेशन हासिल करने के लिए कई सालों का इंतजार करना पड़ा था। इस वजह से म्हाडा को काफी आलोचना का सामना करना पड़ा था। इस कारण म्हाडा ने केवल ओसी प्राप्त बिल्डिंग के घरों को ही लॉटरी में शामिल करने का फैसला लिया था।
चुनाव का असर
राज्य में नवंबर में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। चुनाव से पहले सरकार वोटरों को अपनी तरफ आकर्षित करने का कोई मौका नहीं छोड़ना चाहती है। इस वजह से म्हाडा पर चुनाव से पहले घरों की लॉटरी जारी करने का दबाव था। लॉटरी जारी करने की हड़बड़ी में घरों का चयन करते वक्त म्हाडा अपने ही बनाए नियम को भूल गई। म्हाडा के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, लॉटरी में शामिल जिन घरों का निर्माण कार्य अधूरा है, उन सभी घरों का निर्माण कार्य आगामी कुछ महीने में पूरा कर लिया जाएगा। लॉटरी विजेताओं को लंबा इंतजार नहीं करना होगा।
आम जनता को म्हाडा से काफी उम्मीद रहती है। लोग म्हाडा की लॉटरी का बेसब्री से इंतजार करते रहते हैं। इस वजह से निर्माणाधीन घरों को लॉटरी में शामिल किया गया है। आरटीआई एक्टिविस्ट अनिल गलगली के मुताबिक, जो व्यक्ति निजी बिल्डरों के महंगे घर खरीद नहीं सकता है, अधिकतर ऐसे लोग लॉटरी में अपनी किस्मत आजमाते हैं। पजेशन के लिए आवश्यक सभी अनुमति नहीं होने से विजेता परेशान होता है। वहीं देरी की वजह से म्हाडा के पैसे भी फंसे रहते हैं। इस कारण से म्हाडा को लॉटरी में केवल ऐसे ही घरों में शामिल करना चाहिए, जिनको ओसी मिल गई है, ताकि आम जनता को लंबे समय तक इंतजार नहीं करना पड़े।
किसने क्या कहा
म्हाडा इन घरों का काम जल्द पूरा कर लेगी। हम दिसंबर तक निर्माण कार्य पूरा करने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं। जिससे विजेताओं को हम जल्द ही चाबी दे सकें।
वरिष्ठ अधिकारी, म्हाडा
घर के साथ लोगों की भावनाएं जुड़ी होती हैं, जल्दबाजी में निर्णय लेकर सरकार लोगों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ कर रही है। जल्दबाजी में ऐसे कई निर्णय लिए गए हैं, जिनका लाभ नागरिकों को नहीं मिल रहा है। सभी अनिवार्य प्रक्रिया को पूरा कर के बाद ही म्हाडा को लॉटरी के लिए घरों का चयन करना चाहिए था।
वर्षा गायकवाड़, सांसद
लॉटरी जारी होने के बाद लॉटरी विजेता पैसे भरकर तुरंत अपने घर में प्रवेश कर सकें, इसलिए मैंने लॉटरी में केवल ओसी प्राप्त और तैयार घरों को शामिल करने का निर्णय लिया था। लेकिन बगैर ओसी प्राप्त घरों को लॉटरी में शामिल कर म्हाडा जनता को धोखा देने का काम कर रही है।
जितेंद्र आह्वाड, पूर्व गृहनिर्माण मंत्री