नई दिल्ली: दुनिया की सबसे बड़ी इकॉनमी वाले देश अमेरिका के लिए यह साल अच्छा नहीं जा रहा है। देश में हजारों छोटी-बड़ी कंपनियां दिवालिया हो चुकी हैं। साल के पहले आठ महीनों में ही देश में 452 बड़ी कंपनियों का दिवाला निकल चुका है। यह पिछले 14 साल में दूसरा सबसे बड़ा नंबर है। साल 2020 में जब कोरोना महामारी ने दस्तक दी थी तो लॉकडाउन के कारण साल के पहले आठ महीने यानी अगस्त तक 466 कंपनियां दिवालिया हुई थीं। इस साल अगस्त में 63 कंपनियां दिवालिया हो गई जबकि जुलाई में 49 कंपनियों का दिवाला निकला था। अमेरिकन इंडस्ट्री के लिए अगस्त पिछले चार साल में चौथा सबसे खराब महीना रहा।
सेक्टरवाइज बात करें तो अमेरिका में इस साल सबसे ज्यादा मार कंज्यूमर डिस्क्रेशनरी सेक्टर पर पड़ी है। इस सेक्टर की 69 बड़ी कंपनियों ने अपना बोरिया-बिस्तर समेट लिया है। इसके बाद इंडस्ट्रियल सेक्टर का नंबर है। इस सेक्टर की 53 कंपनियों का दिवाला निकल चुका है जबकि हेल्थकेयर सेक्टर की 45 कंपनियां भी बैंकरप्ट हुई हैं। महामारी के बाद यह पहला मौका है जब ऐसा लग रहा है कि अमेरिका की इकॉनमी सुस्त पड़ रही है। देश में मंदी की आशंका के साथ ही रेकॉर्ड संख्या में कंपनियों के दिवालिया होने की आशंका है। देश में बेरोजगारी बढ़ी है और उपभोक्ता खर्च में कमी आई है।
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15 साल में कितनी कंपनियां हुई बंद
साल दर साल बात करें तो साल 2010 में अमेरिका में 827 बड़ी कंपनियां दिवालिया हुई थीं। तब अमेरिका की इकॉनमी 2008 के फाइनेंशियल क्राइसिस से निकलने के लिए हाथपांव मार रहा था। साल 2011 में देश में 634 कंपनियां दिवालिया हुई जबकि अगले साल 2012 में यह संख्या 586 रही। साल 2013 में 558, 2014 में 471, 2015 में 524, 2016 में 576, 2017 में 520, 2018 में 518, 2019 में 589, 2020 में 638, 2021 में 406, 2022 में 372 और 2023 में 634 कंपनियां दिवालिया हुई थीं।