कारवार (कर्नाटक). बड़े बुजुर्ग एक बात हमेशा कहते रहते हैं कि धरती पर कुछ लोग ऐसे हैं जो बिना किसी स्वार्थ के लोगों की सेवा में लगे रहते हैं. उनकी यह बात एक बार फिर से सच साबित हुई है. कोंकण रेलवे जोन में एक ट्रैकमैन सुबह 4:50 बजे अपने कर्तव्य का पालन करते हुए पटरियों की निगरानी में जुटा था. आमतौर पर जब लोग गहरी नींद में होते हैं, उस वक्त ट्रैकमैन ने अपना कर्तव्य निभाते हुए देखा कि पटरी के ज्वाइंट पर की गई वेल्डिंग अधूरी है. यह वह समय था जब दिल्ली से चलकर तिरुवनंतपुरम तक जाने वाली राजधानी सुपरफास्ट ट्रेन तूफानी रफ्तार में उसी डेंजर जोन की तरफ आ रही थी. ट्रेन को रुकवाने के सारे प्रयास जब फेल हो गए तो ट्रैकमैन ने उसी तरफ दौड़ लगा दी, जिस दिशा से राजधानी एक्सप्रेस हुंकार भरती हुई आ रही थी. तकरीबन 500 मीटर तक की दौड़ लगाने के बाद वह ट्रेन को रुकवाने में कामयाब हुए. पटरी को दुरुस्त करने के बाद तिरुवनंतपुरम राजधानी को रवाना किया गया. इस तरह ट्रैकमैन ने अपनी जान जोखिम में डालकर सैकड़ों यात्रियों की जिंदगी बचा ली.
जानकारी के अनुसार, मामला कोंकण रेलवे के कुमटा और होन्नावर रेलवे लाइन के बीच की है. ट्रैकमैन महादेवा हर दिन की तरह शुक्रवार को भी पूरी तन्मयता के साथ अपनी ड्यूटी पर तैनात थे. वह अहले सुबह पटरियों की निगरानी कर रहे थे. महादेवा ने इसी दौरान देखा कि एक जगह पर पटरी के ज्वाइंट पर अधूरी वेल्डिंग की गई है. यह देखते ही उनके होश उड़ गए. दरअसल, इसी वक्त दिल्ली से चलकर तिरुवनंतपुरम जाने वाली राजधानी एक्सप्रेस ट्रेन पूरी रफ्तार में उसी तरफ आ रही थी. उन्होंने मौके की नजाकत को भांपते हुए तत्काल कुमटा रेलवे स्टेशन से संपर्क साधा और ट्रेन को रुकवाने की बात कही. हालांकि, राजधानी एक्सप्रेस तब तक कुमटा रेलवे स्टेशन को क्रॉस कर चुकी थी. महादेवा ने हिम्मत नहीं हारी. उन्होंने सीधे राजधानी ट्रेन के लोको पायलट से संपर्क साधने की कोशिश की, लेकिन इसमें वह असफल रहे.
…फिर पटरियों पर लगा दी दौड़
राजधानी एक्सप्रेस ट्रेन को रुकवाने की सभी कोशिशें जब फेल हो गईं तो ट्रैकमैन महादेवा ने एक भी सेकेंड जाया किए बगैर उसी दिशा में दौड़ लगा दी, जिस दिशा से सुपरफास्ट ट्रेन आ रही थी. दूसरी तरफ राजधानी ट्रेन हवा से बातें करते हुए लगातार खतरे वाले जोन में आ रही थी. महादेवा ने महज 5 मिनट में 500 मीटर तक की दौड़ लगाकर आखिरकार राजधानी एक्सप्रेस ट्रेन को रुकवा दिया. उन्होंने लोको पायलट को मामले के बारे में पूरी जानकारी दी. इसके बाद रेलवे के आलाधिकारियों को इसकी सूचना दी गई. जानकारी मिलते ही पूरा महकमा एक्टिव हो गया. आनन-फानन में रेलवे कर्मचारियों को वेल्डिंग मशीन के साथ मौके पर भेजा गया. पटरी के ज्वाइंट को दुरुस्त करने के बाद राजधानी एक्सप्रेस को कारवारी की तरफ रवाना किया गया. इस तरह देवदूत बने महादेवा ने सैकड़ों जिंदगियां बचा लीं.
महादेवा की हीरो की तरह किया सम्मानित
इस घटना की जानकारी जब भारतीय रेल के उच्चाधिकारियों को मिली तो उन्होंने ट्रैकमैन महादेवा की एक हीरो की तरह स्वागत करते हुए उन्हें सम्मानित किया. कोंकण रेलवे के अधिकारियों ने महादेवा की एक हीरो की तरह तारीफ की. उनकी बहादुरी को देखते हुए कोंकण रेलवे के CMD संतोष कुमार झा ने महादेवा को 15 हजार रुपये नकद देकर उन्हें सम्मानित किया. सीनियर इंजीनियर बीएस नाडगे ने भी महादेवा का सम्मानित किया.
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FIRST PUBLISHED :
September 7, 2024, 20:29 IST