Bihta Airport: हम उजड़ जाएंगे तो कहां जाएंगे, बिहटा एयरपोर्ट के लिए जमीन अधिग्रहण के विरोध में उतरे गांववाले, जानिये क्या कह रहे
हाइलाइट्स
बिहटा एयरपोर्ट रनवे की लंबाई बढ़ाने के लिए पूरब-पश्चिम दोनों तरफ मकानों की गिनती शुरू.बिहटा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा निर्माण को लेकर गांव के किसानों में सरकार के प्रति नाराजगी. बिहटा एयरपोर्ट के विरोध में 3 गांव के किसान उठ खड़े हुए, बोले-जान दे देंगे, पर जमीन नहीं.
पटना. बिहार की राजधानी पटना से सटे बिहटा में केंद्र सरकार और बिहार सरकार के सहयोग से अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा का निर्माण कार्य जारी है. इसके लिए अभी और अधिक जमीन की जरूरत है और जमीन अधिग्रहण की प्रक्रियाएं शुरू हो चुकी हैं. पहले फेज में जमीन अधिग्रहण बिहार सरकार के तरफ से किया जाना है और इसको लेकर सरकार ने कदम उठाने शुरू कर दिये हैं. लेकिन बिहटा एयरफोर्स में बने रनवे के चौड़ीकरण को लेकर रनवे के पास के गांव देवकुली, कोरहर, गोखुलपुर मठिया तक गांव के किसान काफी प्रभावित है. अब इसको लेकर गांव के तमाम किसानों ने बैठक की और निर्णय लिया गया कि जान दे देंगे लेकिन सरकार को जमीन नहीं देंगे. किसानों का कहना है कि हर बार हमारा ही गांव प्रभावित हुआ है और किसान भी इससे प्रभावित हैं. ग्रामीणों का कहना है कि गांव के प्राचीन बाबा महादेव का मंदिर भी इस जमीन अधिग्रहण में जाना है, लेकिन किसानों ने साथ तौर पर कहा कि हजारों साल पुराना मंदिर है और गांव की यह पहचान है, इसलिए सरकार को और कोई विकल्प लेना होगा.
दरअसल, पटना से सटे बिहटा वायु सेना सेवा केंद्र में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा का निर्माण होना है, ऐसे में रनवे के चौड़ीकरण को लेकर जमीन का अधिकरण का कार्य शुरू हो चुका है. पटना जिला प्रशासन के अधिकारी लगातार जमीन का सर्वे करते दिख रहे हैं. बिहटा प्रखंड के शैफुद्दीनपुर गांव की भी जमीन इस अधिग्रहण में जानी है. इसके अतिरिक्त देवकुली, कोरहर, गोखुलपुर मठिया के आसपास की जमीन अधिग्रहण करने का बिहार सरकार ने फैसला लिया है. इसको लेकर गुरवार को पटना डीएम खुद जमीन का सर्वे करने पहुंचे थे.
गांववालों को भी सुनिये सरकार…
इधर, फैसला आने के बाद किसानों में एक डर का माहौल बन चुका है. गांव के तमाम किसानों ने बैठक में निर्णय लिया कि हर बार गांव के किसान ही क्यों प्रभावित हों. उपजाऊ जमीन को सरकार ले रही है और किसान परेशान हैं. किसानों का साफ कहना है कि तीन गांव मिलाकर करीब 500 घर हैं. कोरहर गांव के लोग कहां जाएंगे. शैफुद्दीन गांव का जिक्र करते हुए कहा कि जब 90 घर को नहीं हटाना चाहते हैं तो 500 घर को कैसे हटाएंगे. वहीं, गोखुलपुर गांव के किसानों का कहना है कि हमार घर-परिवार, मंदिर सभी को शिफ्ट होना होगा. यहां करीब 300 घर की आबादी है. इस कारण हमलोग जमीन किसी भी कीमत पर नहीं देंगे. देवकुली गांव के लोगों का भी कहना है कि जान दे देंगे पर जमीन नहीं.
800 से अधिक घरों पर पड़े असर
बता दें कि इन गांव किसानों के अलावा लगभग 800 से ज्यादा घरों पर भी इसका असर पड़ने वाला है. किसानों का कहना है कि इन सभी गांवों में और गांव के लोग भी काफी प्रभावित होंगे.अगर सरकार हमारी जमीन अधिग्रहण कर लेती है तो हमारे परिवार और हम लोग कहां जाएंगे. वर्षों से यही चला आ रहा है. दादा परदादा ने एयरफोर्स में पहले भी जमीन दी है और अब नहीं दे सकते. इसके लिए जान भी चली जाए लेकिन सरकार को जमीन हम लोग नहीं देंगे.
पटना डीएम ने किसानों और गांववालों से की बात
बता दें कि पटना जिला प्रशासन की टीम ने शुक्रवार को फिर बिहटा एयरपोर्ट का स्थल का निरीक्षण किया. अपर समहर्ता राजस्व अनिल कुमार के नेतृत्व में टीम ने रन-वे की लंबाई बढ़ाने के लिए पूरब-पश्चिम दोनों तरफ के मकानों की गिनती करने का निर्देश दिया है. इस दौरान टीम ने स्थानीय लोगों और जनप्रतिनिधियों के साथ मिलकर बात की. डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने कहा कि भूमि खोजने की प्रक्रिया में सभी स्टेकहोल्डर्स को विश्वास में लिया जा रहा है.
बिहटा एयरपोर्ट निर्माण कार्य में आई तेजी
पटना डीएम ने कहा है कि भूमि उपलब्ध कराने के लिए सभी विकल्पों का अध्ययन किया जा रहा है और सभी संभावनाओं को तालाश कर टेक्निकल टीम के जरूरतों के हिसाब से निर्णय लिया जाएगा.190.5 एकड़ जमीन का अधिग्रहण करना है और इसकी तालाश जिला प्रशासन कर रहा है. बता दें कि जिला प्रशासन की टीम ने एयरपोर्ट के बाउंड्री के पूरब तरफ शर्फुद्दीनपुर गांव और पश्चिम तरफ कोल्हर, सिकंदरपुर और देवकुली गांवों का भ्रमण किया.
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FIRST PUBLISHED :
September 7, 2024, 07:56 IST