नई दिल्ली. मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की कमेटी ने मुंबई तथा इंदौर के बीच 309 किलोमीटर लंबी नई रेल लाइन को सोमवार को मंजूरी दे दी. इससे दोनों शहरों के बीच की दूरी घट जाएगी. केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि प्रोजेक्ट की कुल लागत 18,036 करोड़ रुपये आंकी गई है. प्रोजेक्ट की डेडलाइन 2028-29 तय की गई है.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, ‘आज के मंत्रिमंडल के फैसले से मुंबई और इंदौर के बीच संपर्क सुविधा बेहतर होगी. व्यापार को बढ़ावा देने के अलावा यह कई लोगों को रोजगार के अवसर भी प्रदान करेगी.’
नई रेल लाइन के तहत महाराष्ट्र के 2 तथा मध्य प्रदेश के 4 जिले आएंगे. देश के पश्चिमी/दक्षिण-पश्चिमी हिस्सों और मध्य भारत के बीच एक छोटा रेलवे रूट तैयार हो जाने से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा. इससे श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर सहित उज्जैन-इंदौर क्षेत्र के विभिन्न पर्यटन/धार्मिक स्थलों पर पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी होगी.
बयान में कहा गया, यह कृषि उत्पादों, उर्वरक, कंटेनर, लौह अयस्क, इस्पात, सीमेंट, पेट्रोलियम, तेल और लुब्रिकेंट जैसी वस्तुओं के परिवहन के लिए यह एक आवश्यक रूट है. प्रतिवर्ष करीब 2.6 करोड़ टन की अतिरिक्त माल ढुलाई होगी. प्रोजेक्ट के चलते बड़वानी जिले को बेहतर संपर्क मिलेगा. नई रेल लाइन से करीब 1,000 गांवों और लगभग 30 लाख आबादी के लिए संपर्क मुमकिन होगा.
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मुंबई, इंदौर, उज्जैन के बीच कम हो जाएगी 200 किमी की दूरी
इंदौर-मनामड़ नई रेल लाइन मध्य प्रदेश के इंदौर, धार, खरगोन, बड़वानी जबकि महाराष्ट्र के धुले और नाशिक से गुजरेगी. फिलहाल इंदौर से महाराष्ट्र के लिए सीधे कोई रेल कनेक्टिविटी नहीं है. अभी खंडवा या फिर भोपाल होते हुए इंदौर के यात्री मुंबई का सफर तय करते हैं. इस रेल लाइन से 1000 गांवों की 30 लाख आबादी को फायदा होगा. मुंबई, इंदौर, उज्जैन के बीच करीब 200 किमी की दूरी कम हो जाएगी. पीथमपुर इंडस्ट्रियल एरिया रेल लाइन से जुड़ जाएगा. इंदौर संभाग के तीन आदिवासी बहुल जिलों धार, खरगोन, बड़वानी को सीधा फायदा होगा.
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FIRST PUBLISHED :
September 2, 2024, 23:12 IST