अमर उजाला ब्यूरो, चंडीगढ़ Published by: भूपेंद्र सिंह Updated Sat, 31 Aug 2024 08:18 PM IST
हरियाणा में चुनाव का नया शेड्यूल जारी हो गया है। हरियाणा के साथ-साथ जम्मू कश्मीर में भी चुनाव के नतीजे अब चार दिन देरी से आएंगे।
हरियाणा चुनाव शेड्यूल – फोटो : अमर उजाला
विस्तार
हरियाणा में चुनाव की तारीखों में बदलाव कर दिया गया है। चुनाव आयोग ने हरियाणा विधानसभा चुनाव की तारीख बदली है। अब पांच अक्तूबर को मतदान होगा। वहीं मतगणना आठ अक्तूबर को होगी।
भारतीय चुनाव आयोग (ECI) ने हरियाणा के लिए मतदान दिवस को 1 अक्तूबर से 5 अक्टूबर, 2024 और मतगणना दिवस को 4 अक्टूबर से 8 अक्टूबर, 2024 करने का निर्णय पार्टियों की मांग पर यह फैसला लिया है।
भारतीय चुनाव आयोग (ECI) ने हरियाणा के लिए मतदान दिवस को 1 अक्टूबर से 5 अक्टूबर, 2024 तक संशोधित किया है और तदनुसार जम्मू-कश्मीर और हरियाणा विधानसभा चुनावों के लिए मतगणना दिवस को 4 अक्टूबर से 8 अक्टूबर, 2024 तक संशोधित किया है।
यह निर्णय बिश्नोई समुदाय के मतदान के अधिकार और… pic.twitter.com/dSTF8sPidk
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 31, 2024
चुनाव आयोग ने कहा कि यह निर्णय बिश्नोई समुदाय के मतदान के अधिकार और परंपराओं दोनों का सम्मान करने के लिए लिया गया है, जिन्होंने अपने गुरु जम्भेश्वर की याद में आसोज अमावस्या उत्सव समारोह में भाग लेने की सदियों पुरानी प्रथा को बरकरार रखा है।
सबसे पहले भाजपा ने लिखा था पत्र
चुनाव की तारीखों में बदलाव के लिए भाजपा के हरियाणा प्रदेशाध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली की ओर से चुनाव आयोग को पत्र लिखा गया था। उन्होंने पत्र में कहा था इस दौरान 28 और 29 को शनिवार और रविवार की छुट्टी आ रही है और एक अक्तूबर को मतदान के लिए छुट्टी है, साथ ही दो अक्तूबर को गांधी जयंती है। ऐसे में कर्मचारी एक दिन की छुट्टी लेकर कहीं घुमने जा सकते हैं, इससे मतदान प्रतिशप प्रभावित होगा। साथ ही बिश्नोई समाज की परंपरा का भी हवाला दिया था, जिसमें दो तारीख को समाज के लोग दूसरे प्रदेश में जाएंगे तो वह एक तारीखी को घर से निकल सकते हैं। इसके बाद इंडियन नेशनल लोकदल ने भी तारीखों में बदलाव की मांग की थी।
बिश्नोई समाज के धार्मिक अनुष्ठान का भी हवाला
भाजपा ने अपने पत्र में यह भी तर्क दिया था कि दो अक्तूबर को आसोज की अमावस्या होने के कारण बीकानेर के मुकाम गांव में बिश्नोई समाज का धार्मिक अनुष्ठान है। इसके लिए बिश्नोई समाज के काफी लोग एक अक्तूबर को ही पहुंच जाते हैं। इसका भी मतदान प्रतिशत पर असर पड़ सकता है। भाजपा ने आयोग से यह भी कहा था कि अगली तारीख रखते हुए यह ध्यान रखा जाए कि मतदान की तिथि से एक दिन पहले और मतदान के अगले दिन अवकाश न हो। ऐसा होने से ज्यादा से ज्यादा लोग मतदान में हिस्सा ले सकेंगे।
गौरतलब है कि चुनाव आयोग ने बीते हफ्ते चुनाव की तारीख की घोषणा की थी। पूर्व कार्यक्रम के मुताबिक पांच सितंबर को चुनाव की अधिसूचना जारी होनी है। वहीं एक अक्तूबर को मतदान और चार को परिणाम घोषित किए जाने थे, लेकिन अब इसमें बदलाव हो गया है।
पंजाब विधानसभा चुनाव की तारीख बदली गई थी
चुनाव आयोग इससे पहले भी तारीख में बदलाव कर चुका है। साल 2022 में पंजाब विधानसभा चुनाव की तारीख 14 फरवरी निर्धारित की गई थी। इसके दो दिन बाद रविदास जयंती थी। पंजाब के काफी लोग रविदास जयंती मनाने उत्तर प्रदेश के वाराणसी जाते हैं। पंजाब के राजनीतिक दलों के अनुरोध के बाद चुनाव आयोग ने मतदान की तारीख में परिवर्तन कर दिया था।
लोकसभा चुनाव में गर्मी की वजह से कम हुआ था मतदान
इस बार लोकसभा चुनाव में गर्मी की वजह से मतदान प्रतिशत में करीब पांच फीसदी की गिरावट आई थी। 25 मई को भीषण गर्मी थी और लोग घरों से मतदान के लिए नहीं निकले। 2019 में करीब 70 फीसदी मतदान हुआ था। जबकि बीते मई को 65 फीसदी मतदान दर्ज किया गया था।
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