वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, ढाका Published by: निर्मल कांत Updated Tue, 27 Aug 2024 10:37 PM IST
Bangladesh: बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने शेख हसीना के शासन के दौरान जबरन गायब किए गए लोगों की जांच के लिए एक आयोग गठित किया है। इस आयोग में हाईकोर्ट के दो सेवानिवृत्त जज, दो मानवाधिकार कार्यकर्ता, और एक प्रोफेसर शामिल हैं। आयोग 45 कार्य दिवसों में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा और सुरक्षा बलों की भूमिका की भी जांच करेगा।
बांग्लादेश में प्रदर्शन – फोटो : पीटीआई (फाइल)
विस्तार
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने मंगलवार को एक आयोग का गठन किया है। एक अधिसूचना के मुताबिक, इस आयोग का मकसद पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के करीब सोलह साल के शासन के दौरान जबरन गायब किए गए लोगों की पहचान करना और उनका पता लगाना है। आयोग को साथ ही गायब लोगों का पता लगाने और उनकी जबरन गुमशुदगी की परिस्थितियों की जांच करने की भी जिम्मेदारी दी गई है।
अधिसूचना के मुताबिक, आयोग में हाईकोर्ट के दो सेवानिवृत्त जज, दो मानवाधिकार कार्यकर्ता और विश्वविद्यालय के एक प्रोफेसर शामिल हैं। आयोग एक जनवरी 2010 से पांच अगस्त 2024 तक के मामलों की जांच करेगा। हसीना का शासन एक हिंसक छात्र आंदोलन के बाद समाप्त हुआ।
इसके मुताबिक, आयोग अगले 45 कार्य दिवसों में अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगा। इसके अलावा, पुलिस के आपराधिक जांच विभाग, विशेष शाखा, खुफिया शाखा, एंटी-क्राइम रैपिड एक्शन बटालियन, सीमा सुरक्षा बल (बीजीबी), तटरक्षक, अंसार बटालियन, रक्षा बल, राष्ट्रीय खुफिया विभाग और बलों के खुफिया निदेशालय भी इस जांच के दायरे में आएंगे। इन सभी पर लोगों को जबरन गायब करने के मामलों में शामिल होने का आरोप है।
ह्यूमन राइट्स वॉच ने बांग्लादेश के अधिकार समूह का हवाला देते हुए आरोप लगाया है कि देश के सुरक्षा बलों ने 2009 से अब तक 600 से अधिक जबरन गुमशुदगी की घटनाओं को अंजाम दिया है। हालांकि, कुछ लोगों को बाद में रिहा किया गया, अदालत में पेश किया गया या सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मृत बताया गया। करीब सौ लोग अभी भी गायब हैं।
यूएन के फैक्ट फाइंडिंग मिशन को पूरा सहयोग देंगे: जहांगीर आलम चौधरी
देश के गृह मामलों के सलाहकार लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) जहांगीर आलम चौधरी ने संयुक्त राष्ट्र के फैक्ट-फाइंडिंग दल को आश्वासन दिया कि उनका मंत्रालय पिछले दो महीने में हुए अपराधों की और मानवाधिकार उल्लंघनों की निष्पक्ष जांच में पूरी तरह से सहयोग करेगा।
सरकारी समाचार एजेंसी बाांग्लादेश संगबाद संग्स्था ने चौधरी के हवाले से कहा, हम संयुक्त राष्ट्र के फैक्ट-फाइंडिंग दल के साथ पूरा सहयोग करेंगे ताकि मामलों की स्वतंत्र, निष्पक्ष और तटस्थ तरीके से जांच की जा सके। उन्होंने कहा कि अंतरिम सरकार पांच जून से पांच अगस्त 2024 तक के अपराधों और मानवता के खिलाफ की गई घटनाओं की जांच के लिए संयुक्त राष्ट्र के दल के साथ पूरा सहयोग करेगी। यह पहली बार है, जब संयुक्त राष्ट्र बांग्लादेश में मानवाधिकारों की जांच के लिए फैक्ट फाइंडिंग मिशन भेज रहा है।
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