श्री सौधर्म बृहत्तपोगच्छीय त्रिस्तुतिक जैनाचार्य पुण्यसम्राट गुरुदेव श्रीमद् विजय जयन्तसेनसूरीश्वर जी महाराजा की प्रेरणा से 1961 से प्रारंभ नवदिवसीय नवकार महामंत्र आराधना निरंतर 64 वर्ष से प्रति वर्ष हो रही है। प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी दलौदा नगर मे
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जिसके लाभार्थी परिवार राजेंद्र सुराणा, विनोद कांतिलाल पोरवाल, विजय रतनलाल मेहता, अभय नानालाल सुराणा परिवार रहे। पुण्य सम्राट गुरु देव श्रीमद् विजय जयन्तसेन सूरीश्वरजी म.सा द्वारा संयोजित नव दिवसीय श्री नवकार महामंत्र आराधना में 13 आराधकों ने आराधना की।
सभी आराधक सुबह 7 बजे से 1 बजे तक प्रतिदिन तीनों समय देव वंदन, 108 मनके की नवकार मंत्र की 20 माला, 12 खमासने, 12 लोग्गस का काउसग के साथ स्वस्तिक खमासने, नवकार मन्त्र तस्वीर की आरती पूजन, प्रति क्रमण पुण्य सम्राट द्वारा रचित नवकार मंत्र के 68 अक्षरों पर आधारित 68 तीर्थ की भाव यात्रा की गई। सभी आराधक को क्रियाएं एवं भाव यात्रा अ.भा. श्री राजेंद्र जैन महिला परिषद की राष्ट्रीय महामंत्री संगीता पोरवाल ने करवाई। सभी आराधकों के नौ दिन तक सामूहिक एकासने जयंत सेन मांगलिक भवन परिसर में ही करवाए गए।
नवकार आराधना के 13 आराधक
महेश दुग्गड़, चंचल जैन, जय मेहता, यश जैन, संगीता पोरवाल, मीना सगरावत, रविंद्रा धोका, कांताबाई आंचलिया, मोनिका जैन, वर्षा जैन, ममता सुराणा, बेबी बाई धोका, इंदु सुराणा।