श्रीकृष्ण जन्मस्थान मंदिर परिसर में स्थित ठाकुर केशव देव जी मंदिर में सुप्रसिद्धि काली घटा का भव्य आयोजन किया गया
सावन माह में ब्रज के मंदिरों में घटाओं का आयोजन किया जाता है। यहां हरियाली तीज से बनने वाली अलग अलग रंग की घटाओं में भगवान को विराजमान किया जाता है। इन घटाओं में सबसे प्रसिद्द है काली घटा। इस घटा में विराजमान भगवान के दर्शन के लिए श्रद्धालु आतुर नजर
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श्री कृष्ण जन्मभूमि पर श्रावण मास की प्रतिपदा से आरंभ हुई विभिन्न घटाओं के क्रम में गुरुवार की शाम काली घटा का आयोजन किया गया। श्रीकृष्ण जन्मस्थान मंदिर परिसर में स्थित ठाकुर केशव देव जी मंदिर में सुप्रसिद्धि काली घटा का भव्य आयोजन किया गया। केशव देव मंदिर के अन्दर सजी काली घटा की मनोहारी झाँकी ने भक्तों का मन मोहा, तथा जन्मस्थान प्रांगण का माहौल उत्साह जनक बना दिया।
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केशव देव मंदिर के अन्दर सजी काली घटा की मनोहारी झाँकी ने भक्तों का मन मोहा, तथा जन्मस्थान प्रांगण का माहौल उत्साह जनक बना दिया
प्राकृतिक वस्तुओं से की गई सजावट
सुप्रसिद्ध काली घटा के मध्य विराजे ठाकुर केशव देव महाराज के श्रीविग्रह की एक झलक पाने के लिए श्रद्धालु भक्त आतुर दिखाई दिये। श्रीकृष्ण जन्मभूमि की इस सुप्रसिद्ध काली घटा के आयोजन में केशव देव मंदिर के संपूर्ण परिसर को श्याम वस्त्र, लता-पता, पुष्प एवं प्राकृतिक वृक्षावली से सजाया गया था। इस वर्ष काली घटा के निर्माण में अधिकतम प्राकृतिक वस्तुओं का प्रयोग किया गया।
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इस वर्ष काली घटा के निर्माण में अधिकतम प्राकृतिक वस्तुओं का प्रयोग किया गया
काली घटा में विराजमान भगवान को निहारते रहे भक्त
केशव देव मंदिर एवं प्रवेश द्वार पर भव्य सज्जा कर काली घटा के दृश्य का निर्माण किया गया। चित्ताकर्षक काली घटा के चलते भक्तों ने अपलक ठाकुर केशव देव जी महाराज को निहार कर अपने आपको धन्य किया। श्री कृष्ण जन्मस्थान की सुप्रसिद्ध काली घटा को देखने के लिए भक्तों की कतारें जन्मस्थान परिसर में एवं प्रवेश द्वारों पर देखी गयीं। यह सिलसिला रात्रि में मंदिर के पट बंद होने तक चलता रहा।
काली घटा के श्रीकृष्ण जन्मस्थान परिसर में विराजमान केशव देव मंदिर में प्रवेश करते ही चमकती कड़कती बिजली, घरजते बरसते मेघ, उपवन में नृत्य करते मोर की आवाज, चहचहाते पक्षियों के मध्य उपवन की सज्जा में विराजे ठाकुर केशव देव जी के मनोहारी दर्शन कर स्थानीय भक्तों के साथ-साथ देश-विदेश से आए श्रद्धालुओं ने भी अक्षुण्ण पुण्य लाभ प्राप्त किया।
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सुप्रसिद्ध काली घटा को देखने के लिए भक्तों की कतारें जन्मस्थान परिसर में एवं प्रवेश द्वारों पर देखी गयीं। यह सिलसिला रात्रि में मंदिर के पट बंद होने तक चलता रहा
काली घटा में विराजमान हुए द्वारिकाधीश
पुष्टिमार्ग संप्रदाय के मंदिर ठाकुर द्वारिकाधीश के विधि एवं मीडिया प्रभारी राकेश तिवारी एडवोकेट ने बताया की दशमी के दिन भगवान द्वारिकाधीश ने काली घटा (श्याम घटा) में विराजमान होकर अपने भक्तों को दर्शन दिए। पूरे मंदिर प्रांगण को काले रंग के कपड़े से सजाया गया और मंदिर जग मोहन में फव्वारे,गाय और घोड़े भी लगाए गए। मंदिर मैं ठाकुर जी को वर्षा का अनुभव करवाने हेतु फव्वारे लगाए गए। पूरे मंदिर प्रांगण में बिजली की कड़कड़ाहट और चिड़ियों की चिड़चिड़ाहट गूंजती रही।
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भगवान द्वारिकाधीश ने काली घटा (श्याम घटा) में विराजमान होकर अपने भक्तों को दर्शन दिए