नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वह हिजाब बैन के बॉम्बे हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ दाखिल याचिका पर 9 अगस्त को सुनवाई करेगा। मुबई के कॉलेज में हिजाब, बुरका और नकाब पहनने पर रोक लगाई गई है। इस फैसले को बॉम्बे हाई कोर्ट ने बरकरार रखा था। जिसके बाद हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के सामने यह मामला उठाया गया और कहा गया कि कॉलेज में टर्मिनल एग्जाम शुरू होने वाले हैं और जो भी अल्पसंख्यक समुदाय के हैं उन्हें ड्रेस कोड के बारे में दिए गए निर्देश के कारण परेशानी उठानी पड़ रही है। याचिकाकर्ताओं की ओर से एडवोकेट अबीहा जैदी पेश हुईं। उन्होंने कहा कि मामले में अर्जेंट सुनवाई की दरकार है क्योंकि कॉलेज में यूनिट टेस्ट शुरू हो रहा है। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ने हमने पहले से ही मामले की सुनवाई के लिए 9 अगस्त की तारीख तय कर रखी है। गौरतलब है कि हाई कोर्ट ने 26 जून को याचिकाकर्ता को राहत देने से मना कर दिया था।
पिछली सुनवाई में जब इस याचिका को कोर्ट के सामने उठाया गया था तब चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा था कि इस मामले में पहले से दाखिल याचिका को बेंच को दिया जा चुका है और उसी के साथ यह सुना जाएगा। याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि मामले की जल्द सुनवाई की जानी चाहिए। बॉम्बे हाई कोर्ट ने 26 जून को 9 फीमेल स्टूडेंट्स की अर्जी खारिज कर दी थी जिसमें उन्होंने अथॉरिटी के ड्रेस कोड को चुनौती दी थी। गौरतलब है कि 13 अक्टूबर 2022 को हिजाब बैन के मामले में सुप्रीम कोर्ट का खंडित आदेश आया था। सुप्रीम कोर्ट के तत्कालीन जस्टिस हेमंत गुप्ता ने जहां हिजाब बैन के कर्नाटक हाई कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा था वहीं दूसरे जस्टिस सुधांशु धुलिया ने हिजाब बैन के फैसले को खारिज कर दिया था। इसके बाद इस मामले को चीफ जस्टिस के सामने भेजा गया था ताकि उचित निर्देश जारी हो सके।
हिजाब बैन पर सुनवाई में सुप्रीम रुख अहम
हिजाब बैन के खिलाफ याचिका सुप्रीम कोर्ट के सामने पहले से पेंडिंग है। दरअसल सुप्रीम कोर्ट में कर्नाटक हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती वाली याचिका पर खंडित आदेश दिया था जिसके बाद मामला चीफ जस्टिस के सामने भेजा गया था। बॉम्बे हाई कोर्ट ने हिजाब बैन के मामले में जो फैसला दिया है उसके बाद मामला फिर सुप्रीम कोर्ट के सामने आया और पहले के मामले में टैग किया गया है। हिजाब बैन के खिलाफ जब सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी तो कर्नाटक सरकार के स्टैंड अहम होंगे। हिजाब पर बैन बीजेपी की नेतृत्व वाली सरकार ने लगाया था और बाद में कांग्रेस की वहां सरकार बन गई। अब देखने वाली बात होगी कि राज्य सरकार क्या स्टैंड लेती है। पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट में कर्नाटक सरकार की ओर से दलील दी गई थी कि सर्कुलर के तहत सिर्फ यूनिफर्म पहनने की इजाजत दी गई है। अब नए सिरे से होने वाली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में किस तरह की दलीलें राज्यों द्वारा दी जाती है और शीर्ष अदालत क्या रुख लेती है यह देखना अहम होगा।