सदन में कांग्रेस विधायकों ने शुरू किया धरना। – फोटो : अमर उजाला
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राजस्थान विधानसभा में कांग्रेस विधायक अनीता जाटव और हरिमोहन शर्मा के साथ बदसलूकी और विधायक मुकेश भाकर के सदन से निलंबन को लेकर कांग्रेस पार्टी में आक्रोश व्याप्त है। एक ओर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से लेकर बायतु विधायक हरीश चौधरी इसकी निंदा कर रहे हैं। वहीं, दूसरी ओर कांग्रेस नेताओं ने सदन में ही धरना शुरू कर दिया है।
विधानसभा में मार्शलों की धक्का-मुक्की के बाद कांग्रेस विधायक सदन में ही धरने पर बैठ गए। हालांकि सदन कार्यवाही स्थगित हो गई थी, लेकिन नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि हम कल तक सदन में धरने पर ही रहेंगे। रात में विधानसभा में धरना दे रहे कांग्रेस विधायकों के लिए टिफिन में भोजन पहुंचाया गया।
पूर्व मुख्यमंत्री गहलोत ने की निंदा
विधानसभा में हुई घटना को लेकर पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने भाजपा पर हमला बोला। गहलोत ने एक्स अकाउंट पर लिखा- ‘पहले विधानसभा में कांग्रेस विधायक मुकेश भाकर का निलंबन और जबरन निष्कासन। फिर मार्शलों की ओर से वरिष्ठ विधायक हरिमोहन शर्मा को जमीन पर गिराना और महिला विधायक अनिता जाटव से बदसलूकी कर उनकी चूड़ियां तक तोड़ देने की मैं कड़े शब्दों में निंदा करता हूं। यह राज्य की भाजपा सरकार की तानाशाही सोच का नतीजा है, जिसके कारण चुने हुए जनप्रतिनिधियों के साथ ऐसा दुर्व्यवहार किया गया।’
जनता के मुद्दों पर बोलना एक जनप्रतिनिधि का अधिकार
हरीश चौधरी ने बताया कि सोमवार को राजस्थान विधानसभा में लाडनूं विधायक मुकेश भाकर प्रदेश की जनता से जुड़े मुद्दों पर अपनी बात रख रहे थे, इस दौरान उन्हें सदन से निलंबित करने की घटना लोकतंत्र पर करारा हमला है। चौधरी ने कहा कि जनता द्वारा चुने गए जनप्रतिनिधियों की आवाज़ को दबाना सरकार का तानाशाही रवैया है। इसकी वे निंदा करते हैं। साथ ही चौधरी ने कहा कि इस दौरान सदन में वरिष्ठ विधायक हरिमोहन शर्मा और महिला विधायक अनिता जाटव के साथ किया गया अमर्यादित व्यवहार सदन की गरिमा को तार-तार करने वाला है। उन्होंने कहा कि सदन में जनता के मुद्दों पर बोलना एक जनप्रतिनिधि का अधिकार है और अपने अधिकार से वंचित करने वाली ताक़तों के विरुद्ध हम संगठित होकर मज़बूती से लड़ेंगे।