Monday, January 20, 2025
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Home पूजा खेडकर अब नहीं रहीं ट्रेनी IAS, भविष्य में परीक्षा भी नहीं दे पाएंगी, UPSC का बड़ा ऐक्शन

पूजा खेडकर अब नहीं रहीं ट्रेनी IAS, भविष्य में परीक्षा भी नहीं दे पाएंगी, UPSC का बड़ा ऐक्शन

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पुणेनई दिल्ली: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने बुधवार को पूजा खेडकर की उम्मीदवारी रद्द कर दी। उन पर धोखाधड़ी और जालसाजी के आरोप थे। UPSC ने पाया कि पूजा खेडकर ने नियमों का उल्लंघन किया है। इसलिए, उन्हें भविष्य की सभी परीक्षाओं और चयनों से रोक दिया गया है। सरकार ने एक बयान में कहा, UPSC ने उपलब्ध रिकॉर्ड की सावधानीपूर्वक जांच की है और पाया है कि वह CSE-2022 नियमों के प्रावधानों के विपरीत काम करने की दोषी हैं। CSE-2022 के लिए उनकी अनंतिम उम्मीदवारी रद्द कर दी गई है और उन्हें UPSC की भविष्य की सभी परीक्षाओं /चयनों से स्थायी रूप से वंचित कर दिया गया है।

अपने माता-पिता का नाम भी बदल दिया

UPSC ने यह भी कहा कि केवल खेडकर के मामले में ही वह उनके प्रयासों की संख्या का पता नहीं लगा सका। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि उन्होंने न केवल अपना नाम बदला बल्कि अपने माता-पिता का नाम भी बदल दिया। UPSC ने पुष्टि की कि वह यह सुनिश्चित करने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) को और मजबूत करने की प्रक्रिया में है कि भविष्य में ऐसा मामला दोबारा न हो।

यूपीएससी ने की आंकड़ों की पूरी तरह से जांच

बयान में आगे कहा गया है कि पूजा मनोरमा दिलीप खेडकर के मामले की पृष्ठभूमि में UPSC ने वर्ष 2009 से 2023 तक यानी 15 सालों से CSE के 15,000 से अधिक अंतिम रूप से अनुशंसित उम्मीदवारों के उपलब्ध आंकड़ों की पूरी तरह से जांच की है। यह देखा गया कि उन्होंने कितने प्रयासों का लाभ उठाया है। इस पूरी कवायद के बाद पूजा मनोरमा दिलीप खेडकर के मामले को छोड़कर कोई अन्य उम्मीदवार CSE नियमों के तहत अनुमत से अधिक प्रयासों का लाभ उठाते हुए नहीं पाया गया है।

यह पूरा विवाद क्या था?

दरअसल 34 वर्षीय पूजा खेडकर अलग कार्यालय और आधिकारिक कार की मांग करने और अपनी निजी ऑडी कार पर अनाधिकृत रूप से उपयोग करने के आरोपों के बाद मीडिया जांच के घेरे में आ गई थीं। शुरुआत में पुणे में तैनात खेडकर का तबादला पुणे के जिलाधिकारी ने विवादों के बीच वाशिम कर दिया था। हालांकि उनकी मुश्किलें यहीं खत्म नहीं हुईं। सरकार ने बाद में उनके ‘जिला प्रशिक्षण कार्यक्रम’ को रोक दिया और उन्हें आवश्यक कार्रवाई के लिए मसूरी में लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (LBSNAA) वापस बुला लिया। खेडकर, जिनकी विकलांगता और OBC प्रमाणपत्रों की प्रामाणिकता की जांच चल रही है, का दावा है कि वह गलत सूचना और फर्जी खबरों का शिकार हैं।

सुजीत उपाध्याय

लेखक के बारे में

सुजीत उपाध्याय

सुजीत उपाध्याय ने एचएनबी गढ़वाल यूनिवर्सिटी श्रीनगर, उत्तराखंड से एमए इन मास कम्युनिकेशन की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद ह‍िन्‍दुस्‍तान और दैन‍िक जागरण मेंं बतौर र‍िपोर्टर काम क‍िया। ज़ी मीड‍िया से ड‍िज‍िटल में शुरुआत। इंड‍िया डॉट कॉम ह‍िंंदी में दो साल काम करने के बाद नवभारत टाइम्‍स ऑनलाइन से जुड़े।… और पढ़ें

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