पटना/नई दिल्ली: संसद के मॉनसून सत्र में सोमवार को राज्य सभा में बिहार और ओडिशा को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग उठी। आरजेडी के सांसद मनोज झा ने कहा कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिये जाने के साथ विशेष पैकेज भी दिए जाने की जरूरत है। साथ ही उन्होंने बिहार में पांच विशेष आर्थिक क्षेत्र भी देने की मांग की।
बीजू जनता दल (BJD) के सांसद मुजिबुल्ला खान ने ओडिशा को विशेष राज्य दर्जा दिए जाने की मांग की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से बार-बार इस बारे में अनुरोध किया है, लेकिन अब तक इस मांग पर ध्यान नहीं दिया गया है। ओडिशा में 22 फीसदी आदिवासी जनसंख्या है और राज्य के बड़े हिस्से बार-बार प्राकृति आपदाओं की चपेट में आते हैं। मनोज झा और मुजिबुल्ला खान ने शून्य काल के दौरान विशेष राज्य के दर्जे की डिमांड को उठाया।
जेडीयू ने भी केंद्र सरकार के समक्ष रखी विशेष राज्य या विशेष पैकेज की डिमांड
इससे पहले राज्य सभा का सत्र शुरू होने से पहले जेडीयू के सांसद संजय कुमार झा ने कहा कि विशेष राज्य का दर्जा की डिमांड हमारी पार्टी की तरफ से शुरू से रही है। खासकर हमारे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस डिमांड को लेकर पटना के गांधी मैदान से लेकर दिल्ली के रामलीला मैदान तक रैलियां कर चुके हैं। अगर टेक्निकली सरकार को लगता है कि इसे देने में दिक्कत है तो बिहार को विशेष पैकेज मिले, हमलोगों ने इसकी डिमांड रखी है। इसके अलावा हमने डिमांड रखी है कि उत्तर बिहार में हर साल बाढ़ आती है। विकास का हजारों किरोड़ रुपये बाढ़ से निपटने में खर्च हो जाता है। इसमें सबसे बड़ी समस्या नेपाल से आने वाला पानी है। अंतरराष्ट्रीय मसले पर तो केंद्र सरकार की ही बात कर सकती है। जब तक नेपाल से समाधान नहीं होता है तब तक बिहार के स्तर पर क्या काम हो सकता है इसपर भारत सरकार पहल करे।
वहीं पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने कहा कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने की मांग सबसे पहले हमारा ही नारा है। आप मंत्रिमंडल में शामिल हो गए, सरकार बन गई। आपको ऐसा करने से पहले विशेष राज्य के दर्जे की डिमांड को पूरा करवाना चाहिए था। इसके अलावा कोसी-सीमांचल के लिए 40 हजार करोड़ रुपये के पैकेज की डिमांड करनी चाहिए था। अगर हिम्मत है तो केंद्र के मंत्रिमंडल से अपने मंत्रियों को नीतीश जी हटा लें। शर्त रखें कि पहले विशेष राज्य का दर्जा और विशेष पैकेज देंगे तभी समर्थन करेंगे।