इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने फर्जी एनडीपीएस के मामले में एक युवक को जेल भेजने पर सख्त आदेश दिया है। कोर्ट ने एनसीबी को आदेश दिया है कि एनसीबी युवक को पांच लाख का मुआवजा 2 महीने के भीतर देने का आदेश दिया है। एनसीबी के डायरेक्टर को मुआवजा अदा कर
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यह आदेश न्यायमूर्ति राजीव सिंह की एकल पीठ ने मान सिंह वर्मा के जमानत मामले में 22 मई को दिया। मामला बाराबंकी का है। बाराबंकी के रहने वाले एक युवक को पिछले साल नारकोटिक्स विभाग ने कथित तौर पर अवैध मादक पदार्थ हेरोइन के साथ पकड़ने का दावा किया था। जबकि, जब कि लैब में जब इस कथित हेरोइन के नमूने जांच के लिए भेजे गए तो जांच रिपोर्ट इसके हेरोइन होने की पुष्टि नहीं हुई।
इस मामले में युवक को चार महीने तक जेल में रहना पड़ा। मादक पदार्थ की जांच रिपोर्ट आने के बाद नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने मामले में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल कर दी। इसके बाद युवक को जेल रिहा कर दिया गया था। युवक की ओर से पेश हुए अधिवक्ता ने न्यायालय को बताया कि अभियुक्त लोधेश्वर महादेव मंदिर में दर्शन करने गया था, दर्शन के लिए लाइन लगी थी। इस लाइन को तोड़कर गौरव सिंह नाम का एक पुलिसकर्मी जब आगे जाने लगा तो युवक ने उसे ऐसा करने से मना किया।
युवक को स्थानीय थाने में पकड़ कर ले आए औऱ एनडीपीएस के फर्जी मामले में फंसा दिया गया। सुनवाई के बाद कोर्ट ने कहा कि जांच में युवक के पास से किसी मादक पदार्थ के न पाए जाने के बावजूद भी उसे चार माह जेल में रहना पड़ा। जिसके कारण युवक मुआवजा पाने का हकदार है। इस आदेश के साथ न्यायालय ने जमानत अर्जी निस्तारित कर दी।