होमजनरल नॉलेजInternational Yoga Day: पीएम मोदी से पहले इन गुरुओं ने बढ़ाया योग का मान, पूरी दुनिया में दिलाई पहचान
International Yoga Day: पीएम मोदी से पहले इन गुरुओं ने बढ़ाया योग का मान, पूरी दुनिया में दिलाई पहचान
21 जून के दिन दुनियाभर के लोग सामूहिक रूप से एक साथ योगा करते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत में योगगुरु कौन थे, जिन्होंने पूरी दुनिया में योगा को पहुंचाया था?
By : गिरिजांश गोपालन | Updated at : 19 Jun 2024 09:27 PM (IST)
योगगुरु ( Image Source :social media.x )
योग-अध्यात्म भारतीय संस्कृति का एक प्रमुख अंग है. आज भी दुनिया में जब भी योग की बात होती है, सबसे पहले भारत का नाम लिया जाता है. क्योंकि जब दुनिया योग का अर्थ नहीं जानती थी, उससे हजारों साल पहले भी भारत के ऋषि मुनी योग और तप के जरिए ज्ञान प्राप्त करते थे. आज हम आपको बताएंगे कि भारत के वो प्रमुख गुरु कौन हैं, जिन्होंने दुनिया को योग की शक्ति से परिचित कराया है.
योगगुरु
21 जून के दिन अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है. लेकिन उससे पहले आज हम आपको भारत के योगगुरुओं के बारे में बताएंगे. परमहंस योगानंद अपनी किताब ‘ऑटोबायोग्राफी ऑफ अ योगी’ के लिए जाने जाते हैं. उन्होंने खासकर पश्चिम के लोगों को मेडिटेशन और क्रिया योग से परिचित कराया है. परमहंस योगानंद योग के सबसे पहले और मुख्य गुरू है. हालांकि उन्होंने अपना ज्यादातर जीवन अमेरिका में गुजारा था.
इसके अलावा तिरुमलाई कृष्णमचार्य को ‘आधुनिक योग गुरु’ कहा जाता है. हठयोग और विन्यास को फिर से जीवित करने का पूरा श्रेय उन्हें ही जाता है. इसके अलावा तिरुमलाई कृष्णमचार्य को आयुर्वेद की भी आयुर्वेद की भी जानकारी थी. इलाज के लिए उनके पास आए लोगों को वो योग और आयुर्वेद की मदद से ही ठीक किया करते थे.
पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के योगगुरु धीरेंद्र ब्रह्मचारी थे. इन्होंने उस वक्त दूरदर्शन चैनल के माध्यम से योग को बढ़ावा देने का काम शुरू किया था. उन्होंने हिंदी और अंग्रेजी भाषा में कई किताबें लिखकर योग को बढ़ावा दिया था. आज भी जम्मू में उनका एक आलीशान आश्रम मौजूद है.
योग की बात जब होती है, तो कृष्ण पट्टाभि जोइस का नाम भी लिया जाता है. उन्हें योग का बड़ा गुरु माना जाता है. कृष्ण ने अष्टांग विन्यास योग शैली विकसित की थी. उनके अनुयायियों में मडोना, स्टिंग और ग्वेनेथ पाल्ट्रो जैसे बड़े नाम शुमार थे.
इसके अलावा बी के एस अंयगर ने योग को दुनियाभर में पहचान दिलाने में एक अहम भूमिका निभाई है. ‘अंयगर योग’ के नाम से उनका एक योग स्कूल भी है. इस स्कूल के माध्यम से माध्यम से उन्होंने दुनियाभर के लोगों को योग के प्रति जागरूक किया था. साल 2004 में ‘टाइम मैगजीन’ ने उनका नाम दुनिया के टॉप 100 प्रभावशाली लोगों में लोगों में शुमार किया गया था. ‘लाइट ऑन योग’ के नाम से उनकी एक किताब भी है.
महर्षि महेश योगी देश और दुनिया में ‘ट्रांसैडेंटल मेडिटेशन’ के जाने-माने गुरु थे. इतना ही नहीं कई सेलिब्रिटीज भी उन्हें अपना गुरु मानते हैं. दुनियाभर में वो अपने अपने योग से जाने जाते हैं. श्रीश्री रविशंकर भी महर्षि महेश योगी के ही शिष्य हैं.
योग दिवस की शुरूआत
गौरतलब है कि पहली बार 27 सितंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा था. उसी वर्ष 11 दिसंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने इस प्रस्ताव को स्वीकृति देते हुए 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की थी. बता दें कि इस प्रस्ताव को 177 देशों का समर्थन मिला था. पहली बार दुनियाभर में योग दिवस 21 जून 2015 को मनाया गया था.
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Published at : 19 Jun 2024 09:27 PM (IST)
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